कश्‍मीर में आतंकवाद रोधी अभियानों में सेना भूमिका सीमित

श्रीनगर। भारतीय सेना ने गुरुवार को कहा कि कश्मीर में सुरक्षा एवं आतंकवाद रोधी अभियानों में उसकी भूमिका सीमित है। विधि-व्यवस्था राज्य पुलिस की जिम्मेदारी है।

कश्मीर में

श्रीनगर में आयोजित एक कार्यक्रम से इतर सेना की 15वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एस. के. दुआ ने मीडिया से बातचीत में कहा, “घाटी में सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी अभियानों में हमारी भूमिका सीमित है जबकि विधि-व्यवस्था राज्य पुलिस की जिम्मेदारी है।”

कोर कमांडर ने कहा कि सैन्य कर्मियों को कश्‍मीर में उसके काफिले के जाने-जाने के दौरान सड़कों एवं राजमार्गो को मजफूज रखना है।

जनरल दुआ ने कहा, “कभी-कभी हमारा दस्ता इस तरह की ड्यूटी के दौरान पत्थरबाजी के तहत आ जाता है तो हमें स्थिति को सुलझाने के लिए स्थानीय पुलिस की मदद की जरूरत होती है।”

उन्होंने कहा कि यहां जब से हिंसा का दौर शुरू हुआ है तब से सेना ने बहुत सारे आतंकवाद रोधी अभियान चलाए हैं।

यह पूछने पर कि क्या मौजूदा अशांति शुरू होने के बाद और युवक आतंकवादी बन गए हैं? इस पर कोर कमांडर ने कहा कि वह आतंकियों की नई भर्ती के बारे में टिप्पणी नहीं कर सकेंगे।

उन्होंने कहा, “बहुत सारे युवा जो पत्थरबाजी करने में शामिल हैं, वे पुलिस से गिरफ्तारी के डर से अपने घरों में नहीं सोते हैं। इसलिए इसकी आशंका है कि ऐसे युवा भी आतंकवाद का हिस्सा न बन जाएं।”

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