अलगाववादियों से मिल गए कांग्रेस के नेता, फिर भी मिल गई माफी
नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने भाषण को लेकर फंसते नजर आ रहे हैं। दरअसल जम्मू कश्मीर के हालात पर बुधवार को चर्चा के दौरान सिंधिया रायशुमारी शब्द का प्रयोग करते रहे। उन्होंने कहा था कि कश्मीर में रायशुमारी की जरूरत है। रायशुमारी उर्दू का शब्द है। इसका मतलब जनमत संग्रह या प्लेबिसाइट होता है। कश्मीर के संदर्भ में ये एक विवादित शब्द है क्योंकि अलगाववादी मांग करते रहे हैं कि संयुक्त राष्ट्र में गए मामले के हिसाब से कश्मीर में प्लेबिसाइट या जनमत संग्रह कराया जाए।
कश्मीर में रायशुमारी पर फंसे सिंधिया
गुरुवार को चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस नेता के इस रुख़ की ओर इशारा किया था। जिसके बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को पत्र लिख कर अपने बुधवार के भाषण से ‘रायशुमारी’ शब्द को हटा कर उसकी जगह ‘चर्चा’ लिखने का अनुरोध किया है। स्पीकर ने इसे मान लिया।
My mistake, was given wrong Urdu word for dialogue, & got misconstrued…never meant Plebiscite at all, for #Kashmir. Read my speech fully
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) July 20, 2016
सिंधिया ने बुधवार को ही ट्वीट कर सफाई दे दी थी कि उनका तात्पर्य चर्चा से था। उन्होंने लिखा कि “मेरी ग़लती, मुझे चर्चा के लिए उर्दू का गलत शब्द दिया गया और गलत समझा गया। मैंने कश्मीर में प्लेबिसाइट की बात नहीं की। मेरा पूरा भाषण पढ़ें।” सिंधिया के मुताबिक कश्मीर में लोगों से चर्चा या संवाद की बात कह रहे थे। उनका मतलब जनमत संग्रह क़तई नहीं था।
उनके इस ट्वीट के बाद से ही ट्विटर पर उनके विरोध में लोगों ने खूब लिखा। अन सब्टल देसी ट्वीटर हैंडल की ओर से लिखा गया कि ‘आप पार्लियामेंट में बोलते हो और आपको पता नहीं कि क्या बोलना है’। इसके अलावा देसी ऑप्टिमिस्टिक की ओर से रिप्लाई किया गया कि ‘कोई बात नहीं यह आप की गलती नहीं है। यह सब राहुल गांधी की संगत की देन है’। ऐसे ही तमाम ट्वीट से लोगों ने सिंधिया को आड़े हाथों लिया।