कश्यप ,पाल, प्रजापति सहित इन की 17 उपजातियां SC में शामिल

REPORT – JAVED CHAUDHRY

कश्यप ,पाल, प्रजापति, सहित इन की 17  उपजातिया जो अति पिछड़े  वर्ग में आती थी उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार ने sc की सूची में शामिल कर  दिया है इन जातियो की पिछले  लंबे समय ये मांग चल रही थी की इन की आर्थिक ओर सामाजिक स्तस्थि अच्छी नही है।

इसलिए समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए  इन्हें अनुसूचित जति में शामिल किया जाए। बीजेपी ने अचानक ये घोषणा कर उप चुनाव से पहले  इन जातियो को अपने पक्ष में करने के लिए बड़ी चाल चल दी है। क्या था पूरा मामला देखिए ये खास रिपोर्ट

जातियां sc में शामिल

करीब 20 साल पहले  17 जाति कश्यप ,कहार, केवट ,मल्लाह, निषाद, बिंद ,कुम्हार ,प्रजापति ,धीवर ,बिन्द ,भर, राजभर, डिमर ,बाथम ,गोड़िया, मांझी ,मछुवा ,की मांग के साथ साथ इन जातियों का आंदोलन चल रहा था संसद से लेकर सड़क तक आंदोलन के जरिये इन लोगो ने सरकार को चेताया ओर सभी सरकारों पर दबाव बना समय समय पर  चुनावी मुद्दा भी बना  ।

2017 के उत्तर प्रदेश  विधान सभा से ठीक पहले 22-12-2017 को तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी  इन सभी जातियो को sc में शामिल करने की घोषणा कर दी थी.

मगर डॉ बीआर अंबेडकर ग्रंथालय एवम जनकल्याण ने  इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस के खिलाफ जन हित याचिका जिसको कोर्ट ने सुनवाई करते हुए. इस आरक्षण पर रोक लगा दी थी और कोई सर्टिफिकेट जारी नही हुआ।

मगर यूपी की बीजेपी सरकार ने अब कोर्ट में पैरोकारी करते हुवे उस जनहित याचिका को स्थगित आदेश निरस्त करा दिया और यूपी की इन 17 जातियों को SC की सूची में डाल कर अधिकारियों ने प्रमाणपत्र बनाने के आदेश जारी कर दिए.

ये शासनादेश 24,6,2019 को जारी कर दिया। यानी अब यूपी में 17 जातीय अनुसूचित जाति में शामिल हो गुई है यूपी में इन की आबादी 15 % है  इस घोषणा के बाद आरक्षण का लाभ मिलने वाली जातिया ओर उन के नेताओ ने मुख्यमंत्री  योगी आदित्य नाथ का शुक्रिया किया है।

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ये घोषणा बीजेपी ने ऐसे समय मे की जब उप चुनाव होने वाले है तो जाहिर है बीजेपी को इस घोषणा का भरपूर लाभ मिलेगा । कश्यप समाज सहित सभी आरक्षण का लाभ पाने वाले लोगो ने मोदी और योगी का धन्यवाद किया है ।

वही दूसरी तरफ ये खतरा भी बना हुवा है कि सरकार के इस  फैसले के खिलाफ  कोई सुप्रीम में  में ना चला जाये  यदि ऐसा हुवा तो तो एक बार ये आरक्षण चुनावी लोलिपोक साबित होंगा ।

 

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