कलाई पर कलावा बांधना धर्म सम्‍मत के साथ वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी है लाभकारी, जानिए कैसे…

कलाई पर कलावाहिन्दू धर्म में भगवान की पूजा करने के बाद प्रसाद के साथ आपके हाथ में कलावा बांधा जाता है। क्योंकि कलाई पर कलावा बांधना काफी शुभ होता है। लेकिन क्या आपको पता है कलावा बांधना हिन्दू धर्म शास्त्रों के अलावा वैज्ञानिक कारणों में भी फायदेमंद बताया गया है। बता दें कलावे को मौली या चरदु भी कहते है।

अगर आपको कलावा बांधने के वैज्ञनिक कारण नही मालूम है तो चलिए आज हम आपको बताते है, आखिर क्यों कलावा बांधना हिन्दू शास्त्रों और वैज्ञानिक कारण दोनों में फायदेमंद बताया गया है।

  • कलावा का धागा कच्चे सूत से तैयार किया जाता है और यह कई रंगों जैसे, लाल, पीला, सफेद या नारंगी रंगों का होता है। इसे बांधने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार बना रहता है।
  • कलाई पर कलावा बांधने से जीवन पर आने वाले संकट से रक्षा होती है। क्योंकि इस तरह ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवों की कृपा प्राप्त होती है।
  • कलावा, कलाई की नसों को दुरुस्त रखता है। कलावा बांधने से कलाई की नसों में रक्त का संचार अच्छे होने की वजह से रक्तचाप, हृदय रोग, मधुमेह और लकवा जैसे गंभीर रोगों से काफी हद तक सुरक्षा मिलती है।
  • वैज्ञानिक तथ्यों के अनुसार कलाई पर जहां कलावा बांधा जाता है। शरीर के उस हिस्से से शरीर के कई प्रमुख अंगों तक पहुंचने वाली नसें गुजरती हैं। इसलिए ऐसे में रक्त संचार तीव्र और कलावा के जरिए सकात्मक ऊर्जा का संचार पूरे शरीर में होता रहता है।
LIVE TV