करारी हार के बाद आम आदमी पार्टी हुई चौकन्नी, जनता के बीच जाकर सुनेगी समस्याएं !

दिल्ली में लोकसभा चुनाव में करारी हार से शायद आम आदमी पार्टी ने सबक लिया है. यही कारण है कि दिल्ली सरकार के सभी मंत्री अब जनता के बीच जाकर लोगों से संवाद करेंगे और लोगों की समस्याएं भी सुलझाएंगे.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित पूरी दिल्ली सरकार की कैबिनेट मंगलवार से जनता के बीच रहेगी. सभी मंत्री जनता की समस्याएं सुनेंगे और उनका समाधान करेंगे.

सभी मंत्री अस्पतालों, स्कूलों, क्लीनिकों में जाएंगे और लोगों के रोजमर्रा के जीवन से जुड़े कामकाज का भी जायजा लेंगे. इससे सरकार को जमीनी स्तर पर लोगों की समस्याएं जानने में मदद मिलेगी और समस्याओं का समाधान तत्काल किया जा सकेगा.

मुख्यमंत्री केजरीवाल पहले से ही दिल्ली के विभिन्न इलाकों में पदयात्राएं और जनसंपर्क कर रहे हैं. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल देवली और तुगलकाबाद में अपनी पदयात्रा के दौरान लोगों की समस्याओं का समाधान कर चुके हैं.

इसके अलावा मुख्यमंत्री अपनी विधानसभा सीट नई दिल्ली में भी स्थानीय लोगों से जनसपंर्क कर रहे हैं. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न विभागों के चल रहे विकास कार्यों का जायजा लेने और लोगों की समस्याओं को जानने व उनका समाधान करने के लिए अपने दौरे जारी रखेंगे.

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को सात स्कूलों का निरीक्षण किया. उप मुख्यमंत्री भी शहर के विभिन्न हिस्सों में अपने दौरे जारी रखेंगे ताकि लोगों की समस्याओं को समझकर उनका समाधान किया जा सके.

 

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मनीष सिसोदिया सरकारी स्कूलों, आंगनबाड़ियों और सिग्नेचर ब्रिज जैसे अनेक इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्टों का निरीक्षण करते रहेंगे.

कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन अस्पतालों, मोहल्ला क्लीनिकों, सड़कों, पीडब्ल्यूडी और सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण के कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्टों के साथ-साथ बिजली, हेल्थकेयर और लोगों के रोजमर्रा जीवन से जुड़ी अन्य सेवाओं से संबंधित कामकाज का जायजा लेंगे. वे मंगलवार से अपना ज्यादातर समय जनता के बीच बिताएंगे.

मंत्री गोपाल राय भी मंगलवार से जनता के बीच रहेंगे. वे अपने विभागों से संबंधित विभिन्न योजनाओं और कदमों का जायजा लेंगे. इसके अलावा राय दिल्ली में न्यूनतम वेतन लागू करने को लेकर भी विभिन्न हिस्सों का दौरा किया करेंगे.

वे विभिन्न संस्थानों में औचक निरीक्षण करके यह पता करेंगे कि वहां काम करने वालों को न्यूनतम वेतन मिल रहा है या नहीं. पहले न्यूनतम वेतन लागू न होने के कई मामले सामने आ चुके हैं.

 

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