कमलनाथ को पंजाब का प्रभारी बनाना शर्मनाक : आप

कमलनाथनई दिल्ली| आम आदमी पार्टी (आप) ने सोमवार को कहा कि 1984 के सिख विरोधी दंगों के अभियुक्त कमलनाथ को कांग्रेस द्वारा पंजाब के पार्टी मामलों का प्रभारी बनाना शर्मनाक है। आप नेता और वरिष्ठ वकील एच.एस. फुल्का ने यहां संवाददाताओं से कहा, “कांग्रेस पार्टी का यह बहुत शर्मनाक कदम है। कमलनाथ 1984 के सिख विरोधी दंगों के अभियुक्त हैं और उन्हें कांग्रेस ने तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के आदेश का पालन करने के बदले पुरस्कृत किया है।”

कमलनाथ ही थे हिंसा के पीछे : आप

फुल्का वरिष्ठ अधिवक्ता हैं और दंगों के आरोपियों के खिलाफ कानूनी लड़ाई के अगुआ हैं।

सिखों के खिलाफ 1984 के दंगों का हवाला देते हुए फुल्का ने आरोप लगाया कि नई दिल्ली स्थित गुरुद्वारा रकाबगंज में हिंसा के पीछे कमलनाथ ही थे।

उन्होंने कहा, “पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह यह कहकर दंगा पीड़ितों के जख्मों पर नमक रगड़ रहे हैं कि उन्होंने कहा था कि कमलनाथ को राज्य की पार्टी इकाई का प्रभारी बनाया जाए।”

फुल्का ने कहा, “अमरिंदर सिंह कह रहे हैं कि कमलनाथ दंगों में शामिल नहीं थे, जबकि एक नवंबर, 1984 को कमलनाथ के नेतृत्व वाली भीड़ ही रकाबगंज की हिंसा के पीछे थी, जिसमें दो सिखों की हत्या हुई थी।”

उन्होंने कहा, “गुरुद्वारा के प्रबंधक मुख्तियार सिंह ने नानावटी आयोग के समक्ष गवाही भी दी थी। यह दंगा पीड़ितों के जख्मों पर नमक रगड़ने जैसा है।”

यह पूछने पर कि आप दूसरे राजनीतिक दल के आंतरिक मामले पर टिप्पणी क्यों कर रहे हैं? फुल्का ने कहा कि वह कांग्रेस की उस मानसिकता को बता रहे हैं जिसने दंगे के अभियुक्त को पुरस्कृत किया है।

उन्होंने कहा, “यह पार्टी का आंतरिक मामला नहीं हो सकता। 1984 के सिख विरोधी दंगों से पूरे देश की प्रतिष्ठा गिरी थी। वे कौन सा संदेश देना चाहते हैं। कमलनाथ अपने ही जैसे लोगों को टिकट देंगे।” फुल्का ने पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव के संदर्भ में यह बात कही।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस हर हाल में यह नियुक्ति तत्काल रद्द करे।

फुल्का ने कहा कि 32 साल हो गए और पीड़ित आज भी न्याय का इंतजार कर रहे हैं। हमलोगों को यह संदेश देना चाहिए कि यदि आप अपराध करते हैं तो आपको दंड दिया जाएगा, यह कोई मायने नहीं रखता कि आप कितने बड़े नेता हैं। लेकिन कांग्रेस में इतने वर्षो बाद भी बदलाव नहीं आया।

आप के नेता संजय सिंह ने कहा है कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार 1984 के दंगों से जुड़े 75 मामलों को फिर से खुलवाकर उसे राजनीतिक रंग दे रही है।

ज्ञातव्य है कि 31 अक्टूबर को 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों ने हत्या कर दी थी। इसके बाद सिखों के खिलाफ हिंसा भड़क उठी थी।

कांग्रेस नेता कमलनाथ का कहना है कि वह नानावटी आयोग के सभी आरोपों से मुक्त हो चुके हैं।

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