कभी ये छोटा काम करती थीं रक्षा मंत्री सीतारमण, लेकिन इस शख्स से मिलकर बदल गयी पूरी जिंदगी…

अगर कोई दृढ़ संकल्प कर ले तो वो हर मुसीबत और विपरीत परिस्थितियों के बावजूद सफलता हासिल कर सकता है। इस खबर में हम आपको ऐसी एक शख्सियत के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने अपनी कठिनाइयों को अपना रास्ता नहीं रोकने दिया और लगातार आगे बढ़ते हुए सफलता का परचम लहराया।

इस खबर में हम आपको निर्मला सीतारमण के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने सेल्स गर्ल से देश की रक्षा मंत्री बनने का सफर तय किया। सीतारमण इस बात का ठोस उदाहरण हैं कि कठिन परिश्रम सफलता दिलाता है।

रक्षा मंत्री

आपको ये बात जानकर हैरानी होगी कि निर्मला सीतारमण जो आज देश की रक्षा से जुड़े अहम फैसले लेती हैं वो एक समय पर सेल्स गर्ल हुआ करती थीं और उन्होंने अपनी ज़िंदगी में कई बड़े उतार-चढ़ाव देखें हैं।

निर्मला सीतारमण का शुरूआती जीवन चेन्नई में बीता है। बता दें कि निर्मला सीतारमण के पिता भारतीय रेलवे में नौकरी करते थे लेकिन उनकी नौकरी में अक्सर ट्रांसफर होता था जिसकी वजह से वो त्रिची में अपने रिश्तेदारों के साथ रहती थीं और यहीं से उन्होंने ग्रैजुएशन की पढ़ाई पूरी की।

निर्मला सीतारमण के परिवार में शिक्षा को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दी जाती थी। सीतारमण ने दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में अर्थशास्त्र में एमए भी किया है और यहीं से उनमें राजनीति की समझ पैदा हुई।

आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन सीतारमण के पति प्रभाकर परकला के पिता एक प्रसिद्ध कांग्रेसी राजनीतिज्ञ थे। लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में पीएचडी के लिए छात्रवृत्ति प्राप्त करने के बाद प्रभाकर लंदन चले गए।

इसके बाद निर्मला सीतारमण ने लंदन की रीजेंट स्ट्रीट में घर सजावट की दुकान में सेल्सगर्ल की नौकरी की। यहां पर अच्छा काम करने पर उन्हें शैंपेन की बोतल दी जाती थी। बता दें कि निर्मला और प्रभाकर 1991 में भारत लौट आए।

यहां पर उन्होंने हैदराबाद में एक स्कूल की स्थापना की, इसके बाद यहीं पर उनकी मुलाक़ात सुषमा स्वराज से हुई और उनकी ज़िंदगी बदल गयी इसके बाद सीताराम को साल (2003-05) के दौरान राष्ट्रीय महिला आयोग में नियुक्त किया गया।

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तीन साल की सफल यात्रा के बाद, वह 2006 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गईं। जब भाजपा ने पार्टी के माध्यम से महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण संरचना को अपनाया, तो उन्हें राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद में शामिल होने के लिए सौहार्दपूर्वक आमंत्रित किया गया। फिर 2010 में उन्हें राष्ट्रीय प्रवक्ता नियुक्त किया गया और हैदराबाद से दिल्ली स्थानांतरित कर दिया गया।

निर्मला सीतारमण अपने करियर में ताकतवर होने के साथ-साथ वाणिज्य मंत्री भी बन गई थीं। जैसे-जैसे साल बीतते गए उन्होंने अपने व्यक्तिगत करियर में एक मजबूत उछाल हासिल किया।

बता दें कि निर्मला सीतारमन एनडीए सरकार में 6 महिला कैबिनेट मंत्रियों में से एक है और रक्षा इतिहास में इंदिरा गांधी के बाद केवल दूसरी महिला राजनेता हैं जो रक्षा मंत्री के पद पर हैं।

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