ट्रंप ने दी चुनौती, मोदी के मेक इन इंडिया को पलीता, कभी नहीं आएंगे अच्छे दिन!

कड़ी चुनौतियों का सामनापेइचिंग। चीन ने दावा किया है कि पीएम मोदी को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की वजह से आने वाले समय में कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। ट्रंप, मोदी के सबसे अहम कदमों में से एक ‘मेक इन इंडिया’ को पलीता लगा सकते हैं। साथ ही साथ अमेरिका की नयी नीतियों का भारत पर पड़ने वाला असर भी उलटा होगा।

चीनी अखबार ग्‍लोबल टाइम्‍स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रंप के राष्‍ट्रपति बनने के बाद भारत और अमेरिका दोनों ही देशों के बीच सदियों से चले आ रहे अच्छे रिश्तों पर ग्रहण लगेगा और उनके बीच काफी मुद्दों पर मतभेद भी पैदा होंगे।

ग्‍लोबल टाइम्‍स ने कहा कि पिछले कुछ सालों में भारत और अमेरिका के रिश्‍तों में लगातार मजबूती आयी है। ऐतिहासिक तौर पर रिपब्लिकन पार्टी के राष्‍ट्रपतियों को भारत के लिए बेहतर समझा जाता है। लेकिन ट्रंप के हाव भाव से आने वाला समय भारत के लिए काफी परेशानियों भरा प्रतीत होता है। वहीं डेमोक्रैटिक पार्टी से जुड़े ओबामा ने भी अपने कार्यकाल के दौरान भारत के साथ रिश्तों को प्रगाढ़ करने पर काफी ध्‍यान दिया।

अखबार ने आगे लिखा है कि ट्रंप ने दूसरे देशों के लिए जो नीतियां तैयार की हैं, उनसे भी भारत पर खासा असर पड़ेगा। अंतरराष्‍ट्रीय शांति के लिए काम करने वाली संस्‍था कार्नेजी इन्‍डॉमेंट के सेंटर कार्नेजी इंडिया के डायरेक्‍टर राजा मोहन ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन, जापान और रूस जैसे शक्तिशाली देशों और पाकिस्‍तान और ईरान जैसे भारत के पड़ोस में स्थित मुल्‍कों के लिए जिस नीति का पालन करेंगे। उससे भारत की आंतरिक और बाहरी स्थिति पर काफी असर पड़ेगा।

चीनी मीडिया ने बताया कि ट्रंप अपने देश में संरक्षणवादी नीतियों को लागू करते हुए भारतीय बाजार तक अपनी पहुंच बढ़ाने पर ज्यादा बल दे सकते हैं। ट्रंप के इस कदम से भारत और भारतीय एक्‍सपोर्टर्स के लिए आउटसोर्सिंग करने वाली कंपनियों को काफी नुकसान पहुंचेगा। खासकर आईटी और फार्मास्‍युटिकल्‍स सेक्‍टर में। अखबार ने बताया कि ट्रंप का ‘ब्रिंग जॉब्‍स बैक टु अमेरिका मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ के लिए सबसे बड़ी चुनौती साबित होगी।

चीन ने बताया कि दोनो देशों के बीच प्रवासियों का मुद्दा भी सबस ज्यादा विवादित है। ट्रंप ने डिपार्टमेंट ऑफ लेबर को निर्देश दिया है कि ‘वीजा उल्‍लंघन से जुड़े जितने भी मामले हैं, जिनकी वजह से अमेरिकी कामगारों को नुकसान पहुंचा है,’ उनकी जांच की जाए। अगर किसी तरह का वीजा प्रतिबंध लगाया जाता है तो निश्चित तौर पर उसकी वजह से भारतीय आईटी प्रफेशनल्‍स की आवाजाही पर असर होगा।

इसमें आगे बताया गया है कि अमेरिका की जापान और साउथ कोरिया के साथ संबंधों को जारी रखने वाला कदम भारत के लिए खासा हितकर होगा। साथ ही साथ भारत और अमेरिका दक्षिणी चीन सागर के मुद्दे पर एक साथ आ सकते हैं और इससे सुरक्षा के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत होंगे।

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