कट्टर सोच को किनारे कर नौकरी बचाने के लिए दाढ़ी कटा कर लौटा दरोगा अली

कट्टरता की हदें पार कर अपनी बढ़ी दाढ़ी के समर्थन में मौलानाओं की फौज उतार कर यूपी पुलिस फोर्स को चुनौती देने वाले निलंबित दरोगा इंतेसार अली को आखिर में नौकरी ही प्यारी लगी। बिना अनुमति दाढ़ी रखने पर निलंबित किए गए दरोगा इंतसार अली ने आखिरकार अपनी गलती मानते हुए दाढ़ी कटवा ली। दाढ़ी कटवाने के बाद शनिवार को वह एसपी बागपत के सामने पेश हुए, जिसके बाद एसपी अभिषेक सिंह ने उनका निलंबन वापस लेते हुए बहाल कर दिया।

बागपत के रमाला थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर इंतसार अली को 20 अक्टूबर को एसपी अभिषेक सिंह ने निलंबित कर दिया था। आरोप था कि उपनिरीक्षक इंतसार अली ने बिना परमिशन और सर्विस रूल्स का उल्लंघन करते हुए दाढ़ी बढ़ा ली। लगातार चेतावनियों के बाद भी वह नहीं संभले और दाढ़ी लंबी करते रहे। आखिरकार पुलिस विभाग के नियमों/निर्देशों का पालन न करने पर एसपी अभिषेक सिंह ने इंतसार अली को सस्पेंड कर दिया था। निलंबन के बाद इंतेसार अली ने कट्टरपंथी मौलानाओं के जरिए अपने पक्ष में समर्थन जुटाने की कोशिश की, लेकिन अमनपसंद लोगों को सरकारी नौकर की ये कट्टरता बिलकुल पसंद नहीं आई।

आम जनता ने भी एसपी अभिषेक सिंह के फैसले को सही ठहराया। अंत में प्रशासनिक दबाव और मीडिया में फजीहत और योगीराज में कायदे कानून की ही चली। अपनी कट्टर सोच को किनारे कर नौकरी बचाने के लिए उपनिरीक्षक इंतसार अली शनिवार को एसपी अभिषेक सिंह के सामने दाढ़ी कटाकर पेश हो गए। पुलिस विभाग के निर्देशों का पालन करते हुए इंतसार अली ने भविष्य में पुलिस विभाग के निर्देशों का पालन करने का आश्वासन दिया और बहाली के लिए प्रत्यावेदन किया। जिसके बाद इंतसार अली को निलंबन से बहाल कर दिया गया है, हांलाकि सबसे बड़ी चिंता इस बात की है इंतेसार अली ने कट्टरता का जो बीज फोर्स में बोने की कोशिश की है उसका परिणाम दबी छिपी मानसिकता वालों के बीच अगर पनपा तो अराजक स्थिति पैदा हो जाएगी।

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