मंदी की सुगबुगाहट फिर से शुरू, अमेरिका नहीं अबकी इस देश से आएगी आर्थिक बाढ़

ऑस्ट्रेलिया की आर्थिक मंदीनई दिल्ली: एक समय था जब दुनिया के लगभग सभी देश आर्थिक मंदी से जूझ रहे थे इस आर्थिक बाढ़ की शुरुआत अमेरिका से 2008 में शुरू हुई थी जिसकी कड़वी यादे आज भी लोगो के जेहन में बनी हुई है। अब एक बार फिर से मंदी के आने की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। लेकिन ये अमेरिका की नहीं बल्कि ऑस्ट्रेलिया की आर्थिक मंदी होगी।

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इस साल की पहली तिमाही में वेतन-भत्तों में कमी और जीडीपी रेश्यो के मुकाबले बड़ा कर्ज ऑस्ट्रेलिया में आर्थिक संकट की आहट हो सकता है।

रिपोर्ट के मुताबिक बीते 5 सालों में ऑस्ट्रेलियाई लोगों की सेविंग्स में आधे से ज्यादा तक की कमी आई है। यही नहीं लिविंग कॉस्ट में इजाफे से संकट और भी गहराता हुआ नज़र आ रहा है। इकॉनमी की चमक जीडीपी में आधी हिस्सेदारी उपभोग से बनती है।

कर्ज में लगातार इजाफे को लेकर ऑस्ट्रलियाई केंद्रीय बैंक ने कहा कर्ज का बढ़ना और आय में कमी बड़े संकट को पैदा कर सकते हैं।

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ऑस्ट्रेलिया में प्रति परिवार कर्ज बीते 4 सालों में जीडीपी के अनुपात में 15 फीसदी बढ़ गया है। बैंक फॉर इंटरनैशनल सेटलमेंट्स के डेटा के मुताबिक यह कर्ज 2016 में जीडीपी के मुकाबले 123।1 पर्सेंट तक पहुंच गया।

केद्रीय बैंक ने कहा,ऑस्ट्रेलिया की आर्थिक मंदी का मुख्य कारण प्रॉपर्टी मार्केट से भी ही जुड़ा है। बेहद कम ब्याज दरों के चलते होम बायर्स ने बड़े पैमाने पर कर्ज लेकर सिडनी और मेलबर्न जैसे प्रॉपर्टी मार्केट्स में बड़ा निवेश किया है। जिससे प्रॉपर्टी बाज़ार में मंदी का संकट गहराने लगा है।

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