CM केजरीवाल को अभी तक नहीं मिला इस सवाल का जवाब

एजेन्सी/  delhi-odd-even-traffic-afp_650x400_81452858546नई दिल्ली: दिल्ली में सम-विषम फॉर्मुले के दूसरे चरण को लागू करने में केवल सात दिन बचे हैं, लेकिन एक मामले पर दिल्ली सरकार खुद को फंसा महसूस कर रही है। दरअसल, पिछली बार ऑड ईवन के दौरान स्कूल बंद थे और इस बार खुले हैं। इसलिए जिस निजी कार में स्कूल ड्रेस में बच्चे होंगे उन्हें छूट दी जाएगी, लेकिन जब बच्चों को वापस लेने जाएंगे तो कैसे पहचान होगी कि ये बच्चों को लेने ही जा रहे हैं, क्योंकि उस समय बच्चे ड्रैस पहने कार में मौजूद नहीं होंगे। ऐसी स्थिति में अभिभावकों पर जुर्माना लग सकता है।

सीएम केजरीवाल ने मांगी राय
जब इस सवाल का जवाब नहीं मिला तो अरविंद केजरीवाल ने जनता से ही पूछा कि इस पेचीदा स्थिति से बाहर कैसे आया जाए। केजरीवाल ने ट्वीट करके इस बाबत जानकारी मांगी है। हालांकि कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि सरकार इस स्पेशल टाइम में सभी गाड़ियों को छूट दे दे ताकि बच्चों को घर वापस लाया जा सके।

झूठ कैसे पकड़ेंगे
अब ऑड ईवन पार्ट टू में सबसे बड़ा सवाल यही बन गया है कि सरकार ये कैसे तय करेगी कि कौन वाकई में स्कूली बच्चे को ले जाने जा रहा है और कौन झूठ बोल रहा है। खुद सरकार के लिए इसका जवाब आसान नहीं है। वैसे, इस चरण में महिलाओं और दो पहिया वाहनों को पिछली बार की तरह की छूट दी गई है।

पिछली बार ऑड-ईवन से हुआ फायदा
सीआरआरआई का रिसर्च बताता है कि पहले चरण में लागू किए गए इस फॉर्मूले के दौरान दिल्ली की ट्रैफिक में 35% की कमी आई और एक आदमी का ट्रैवेल टाइम औसतन 15 मिनट तक घट गया था। यही नहीं वायु प्रदूषण का स्तर भी सुधरा था।

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