नहीं बना करियर तो यूनिवर्सिटी पर लगाया आरोप, दर्ज करा दिया उबाऊ पढ़ाई कराने का केस   

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटीलंदन। वैसे तो आधुनिक युग में पढ़ाई-लिखाई को सर्वोपरि माना जाता है। बच्चों के माता-पिता भी चाहते हैं कि उनके बच्चे अच्छे अंक हासिल कर किसी मकाम को हासिल करें। इसके लिए उन्हें प्रेरित भी किया जाता है। लेकिन कभी आपने यह सुना है कि किसी छात्र ने अपने विद्यालय पर कम ग्रेड या अंक मिलने पर केस कर दिया हो, लेकिन ऐसा हुआ है। भारतीय मूल के एक छात्र ने लन्दन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी को कोर्ट में खींच लिया। इस मामले में छात्र ने यूनिवर्सिटी पर पकाऊ और उबाई पढाई कराने का आरोप लगाया है, जिसकी वजह से उसके ग्रेड काफी कम हो गए।

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी पर मुकदमा

भारतीय मूल के एक छात्र द्वारा ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के खिलाफ निराशापूर्ण तरीके से खराब और उबाऊ पढ़ाई का कानूनी मुकदमा दायर किए जाने के बाद ऑक्सफोर्ड को सुनवाई का सामना करने का निर्देश दिया गया है। ऑक्फोर्ड पर छात्र आरोप लगाया कि ऐसी पढ़ाई के बाद उसे द्वितीय श्रेणी की डिग्री प्राप्त हुई तथा उन्हें वकील के रूप में अपने कॅरियर में आमदनी का नुकसान झेलना पड़ा।

द संडे टाइम्स ने खबर दी कि विश्व प्रसिद्ध विश्वविद्यालय ने लंदन के उच्च न्यायालय में आवेदन देकर फैज सिद्दीकी के दावों को खारिज करने का अनुरोध किया लेकिन जस्टिस केर के पिछले सप्तान के 18 पेज के फैसले में व्यवस्था दी गई कि ऑक्सफोर्ड को सवालों के जवाब देने होंगे। विश्वविद्यालय में ब्रेसनोज कालेज में आधुनिक इतिहास की पढ़ाई कर चुके सिद्दीकी ने विश्वविद्यालय कर्मियों पर भारतीय राजशाही इतिहास पर उसके विशेषज्ञ विषय के पाठ्यक्रम की लापरवाहीपूर्ण पढ़ाई कराने का आरोप लगाया।

इस पूर्व छात्र के वकील रोजर मालालियु ने अदालत को कहा कि वर्ष 1999-2000 शैक्षणिक वर्ष में एशियाई इतिहास के सात में से चार कर्मियों के उसी समय छुट्टी में जाने से समस्या बढ़ गई। सिद्दीकी का मानना है कि अगर उन्हें कम ग्रेड नहीं मिले होते तो उनका अंतरराष्ट्रीय कारोबारी वकील के रूप में बहुत शानदार कॅरियर होता।

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