चीन नहीं तो कौन था एनएसजी में भारत का दुश्मन

एनएसजी मीटिंगबलिया| न्‍यूक्‍लि‍यर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) में भारत की इंट्री को लेकर पूर्व थलसेना प्रमुख और मौजूदा विदेश राज्‍य मंत्री वीके सिंह ने कहा है कि एनएसजी मीटिंग में भारत को लेकर क्‍या-क्या बातें हुईं, इस बारे में हमें भी नहीं पता है। इस मुद्दे पर हो रही बयानबाजी सिर्फ अनुमान है|

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बलिया में एक प्रोग्राम के दौरान सिंह ने कहा, ‘इस मीटिंग में भारत मौजूद ही नहीं था क्योंकि एनएसजी की बैठक बंद कमरे में होती है। इसलिए अन्दर का सच किसी को भी मालूम नहीं हो सकता है| इस मुद्दे को लेकर की जा रहीं सारी बातें निराधार हैं|

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उन्होंने कहा कि वो नहीं जानते कि चीन के भारत का विरोध करने की बात मीडिया में कहां से आ गयी? मीडिया को विदेश मंत्रालय ने कभी भी इस तरीके की कोई जानकारी नहीं दी|

इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने चीन का नाम लिए बिना ही एक देश को जिम्‍मेदार ठहराया था। स्‍वरूप ने कहा था, ‘मैं पूरे भरोसे के साथ यह कह सकता हूं कि सिर्फ एक देश ने कई अड़चनों के आधार पर रुकावट पैदा की, जिसकी वजह से एनएसजी की मीटिंग में भारत की दावेदारी को लेकर कोई फैसला नहीं हो सका।’

इस दौरान विदेश मंत्रालय ने एनएसजी में भारत की एंट्री को लेकर हुई बैठक का ब्‍योरा भी दिया था।

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