यूपी में बेलगाम अफसर : न कानून का डर, न सरकार का खौफ… जानिए एग्रो विभाग का काला सच

एग्रो विभाग

आर. के. शुक्‍ला

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने सख्त लहजे में कहा कि सरकारी कामकाज का ‘पुराना और लचर रवैया’ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दायित्व निर्वहन में लापरवाही बरतने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी। यूपी के मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के मामलों पर अपना रुख साफ़ कर दिया। घोटाले के मामलों में जांच कर रही सीबीआई को भी आरोपियों पर कार्रवाई के लिए छूट दी। यही वजह रही कि सीबीआई ने यूपी के भ्रष्ट अफसरों पर जांच का शिकंजा कसना तेज कर दिया।

तारीख दर तारीख बदलती रही, लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ के वही तेवर वही गुस्सा, भ्रष्ट और सुस्त अफसरशाही को लगभग हर मंच पर लताड़ते हुए सुधरने का आखिरी मौका दिया। उधर नई सरकार बनने के साथ ही अधिकारियों के तबादलों का दौर शुरू हो गया।

लेकिन सीएम ने हर सरकार की तरह अधिकारियों की तब्दीली में कोई जल्दबाजी नहीं की अपना पूरा समय लिया। सियासतदां इसे सरकार की कश्मकश करार दे रहे थे तो कुछ लोग इस कश्मकश की वजह नौकरशाही को दुरुस्त करने का मंसूबा बता रहे थे।

इस बीच सरकार ने ब्यूरोक्रेट को सुधारने के लिए कई स्तरों पर बदलाव किए। कभी 20 आईएएस तो कभी 74 तो कभी 84 आईएएस के तबादलों ने लोगों को सड़ चुके इस तंत्र से निजात दिलाने की उम्मीद बंधाई। लेकिन हालात गवाह हैं कि तबादलों ने उथल-पुथल तो मचाई। लेकिन इसका कोई खास असर देखने को नहीं मिला, शायद ये रुटीन ट्रांसफर ही थे। अगर ऐसा ना होता तो शायद जहूर जैसे बदउन्वान अधिकारी इस सिस्टम का हिस्सा ना होते कम से कम योगी सरकार के सिस्टम का तो नहीं।

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बुंदेलखंड की बदहाली की दास्तान आज किसी से छिपी नहीं है। पिछली सरकार में जिस तरीके की सियासत मूलभूत सुविधाओं से महरूम यूपी के इस हिस्से में हुई। उससे भी कोई अनभिज्ञ  नहीं होगा, लेकिन नई सरकार के गठन के साथ सीएम योगी ने साफ कर दिया था कि बुंदेलखंड का विकास उनकी प्राथमिकताओं में शुमार है। सीएम योगी के बुंदेलखंड दौरे ने घास की रोटियां खाने को मजबूर लोगों को ढांढस जरूर बंधाया कि अब कुछ तो तरमीम होगा। लेकिन बदलाव की इस मुहिम का हिस्सा वो कैसे बनेंगे। जब वहां आज भी दी जाने वाली अरबों रुपयों को एक अफसर डकार रहा है, बेखौफ.. बेधड़क..।

उत्तर प्रदेश का एग्रो विभाग, ये वो डिपार्टमेंट है जो सीधे किसानों के हक में काम करता है। लेकिन पिछले तीन सरकारों के कार्यकाल से एक ऐसा अधिकारी यहां बैठा है। जो किसानों का हक यानि करोड़ों रुपए डकार रहा है और कोई भी सरकार इसका कुछ नही बिगाड़ पाई।

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दरअसल उत्तर प्रदेश की एक महत्वाकांक्षी योजना ट्रॉली आधारित सोलर पम्प सेट करीब 4 सौ करोड़ का ये प्रोजेक्ट जिससे बिना बिजली के ही किसान खेतों को पानी दे सकते हैं। खासतौर पर बुन्देलखंड इलाके में जहां बिजली-पानी को तरस रहे लोगों को सख्त जरूरत है। लेकिन बुन्देलखंड में इस योजना की कमान एक ऐसे अभियन्ता को दी गई है। जिसका इतिहास आरोपों और दोषों से भरा पड़ा है। ये अभियंता है एम.ए.जहूर जहूर जहां-जहां जिस विभाग में रहा। घोटालों की छाप छोड़ता गया, बावजूद इसके इस बड़ी योजना की कमान इस भ्रष्ट अधिकारी के पास है।

लाइव टुडे ने जब इस भ्रष्ट अधिकारी के काले कारनामों पर से पर्दा उठाया। तो परत दर परत सारी हकीकत सामने आ गई। सामने आया एक ऐसा सच, जो ये बयां करने के लिए काफी है। सरकार भले बदली हो लेकिन नौकरशाही का वही रवैया अब भी कायम है।

 

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