एग्रीकल्चरल इन्स्योरेंस कम्पनी आफ इंडिया लिमिटेड ने लिया फैसला, अब कंपनी कराएगी फसलों का बीमा…

REPORT – PUSHKAR NEGI

चमोली। सीमांत जिला चमोली की सेब फल पट्टी के लिए प्रसिद्ध जोशीमठ विकास खंड में इन दिनों पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना के तहत रवि की फसल सेब के पेड़ो का बीमा जोरों पर किया जा रहा है,भारत सरकार और उत्तराखंड सरकार के सहयोग से चल रहे इस प्रोग्राम के तहत जोशीमठ प्रखंड के सेब बागवनो के सेब के पेड़ों का बीमा किया जा रहा है।

एग्रीकल्चरल इन्स्योरेंस कम्पनी आफ इंडिया लिमिटेड

एग्रीकल्चरल इन्स्योरेंस कम्पनी आफ इंडिया लिमिटेड द्वारा क्षेत्र के सेब फल पट्टी के किसानों की फसल बीमा के लिए यहां शिविर लगाया गया है,जिसमे सेब के पेड़ों का प्रीमियम भर कर किसानो को फसल बीमा योजना का लाभ दिया जा रहा है,बीमा कम्पनी के प्रभारी अभिषेक तिवारी न बताया की अबतक करीब 380सेब काशत्कार द्वारा सेब बीमा करा लिया है,वही सेब काशत्कार प्रदीप भट्ट कहते हैं।

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पिछले बार का सेब प्रीमीयम अच्छा मिलने से इस बार सेब उत्पदको  में खासा जोश है,और सभी लोग अपने बागानों के फलदार पेड़ों का बीमा करने आ रहे है,जोशीमठ विकास खंड सेब उत्पादन के लिए मशहुर है यहाँ हर साल करोडो रुपये की आमदनी सेब बागानो से ही अर्जित हो जाती है, ऐसे में इस वर्ष फसल बीमा से अच्छा मुनाफा मिलने के चलते किसान काफि संख्या मे फसल बीमा प्रीमियम भरने पहुच रहे है,वेसे भी इस बार बर्फ बारी के बाद सेब बागान में अच्छी फसल होने की उम्मीद है लेकिन किसान कोई जोखिम नही उठाना चाहता है इसलिए फसल बीमा का लाभ लेकर वह अपनी फसल को सुरक्षित रखना चाह रहा है।

भारत-तिब्बत सीमा से लगे जोशीमठ विकासखंड के मलारी, परसारी, बड़गांव, जेलम, कोसा, सुनील, औली, उर्गम घाटी सेब उत्पादन के अग्रणी क्षेत्र माने जाते हैं। इसके अलावा भी जोशीमठ विकासखंड के अधिकतर गांवों में सेब का उत्पादन किया जाता है बल्कि यूं कहें कि यहां अधिकांश लोगों की रोजी-रोटी का जरिया ही सेब का उत्पादन है परंतु विगतकुछ वर्षो से मौसम की मार से सेब उत्पादकों के चेहरे बुझे हुए थे लेकिन इस बार सेब फसल बीमा से अच्छा फायदा मिलने से यहाँ के सेब उत्पादक खासा उत्साहित हैं।

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उसपर समय पर छेत्र में बर्फ बारी होने से सेब बागानों में पर्याप्त मात्रा में बर्फ गिरी है,जो सेब की फसल के लिए शुभ संकेत माना जा रहा है,बता दें कि जोशीमठ में प्रतिवर्ष लगभग 3200 मीट्रिक टन सेब का उत्पादन किया जाता है। खासकर डिलीशस प्रजाति का रसीला सेब जोशीमठ की जमीन पर बहुतायत में उगता है। इसके अलावा रैम।र, मक्खनठोस, ग्रीन डिलीशस, रेड डिलीशस के अलावा कई अन्य प्रजातियों का सेब यहां उगाया जाता है।

 

 

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