एग्जिट पोल के बाद मध्यप्रदेश सियासत में मचा घमासान,क्या गिर जाएगी MP में सरकार ?…

लोकसभा चुनाव 2019 के एग्जिमट पोल के नतीजे आते ही मध्य प्रदेश की सियासत में भी घमासान मच गया है. यहां नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव राज्यपाल को पत्र लिखने की तैयारी कर रहे हैं जिसमें विधानसभा का सत्र बुलाने की मांग की जाएगी.

हालांकि लोकसभा चुनाव के दौरान छिंदवाड़ा में एक सभा में कमलनाथ ने कहा था कि अगर भाजपा सरकार गिरने का कोई ऐसा षड्यंत्र या साजिश रच रही है तो वह ऐसा करने की सोचे भी न, इसमें वह सफल नहीं हो पाएगी.

बता दें कि सभी एग्जिरट पोल में केंद्र में एनडीए की सरकार बनती हुई दिखाई दे रही है. इससे पहले भी बीजेपी के कई दिग्गज नेता इस बारे में संकेत दे चुके थे कि यदि  केंद्र में मोदी सरकार दोबारा आती है तो मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार का जाना तय है.

आज नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने ट्वीट करते हुए लिखा कि  वे राज्यपाल को पत्र लिखने की तैयारी कर रहे हैं जिसमें विधानसभा  का सत्र बुलाने की मांग की जाएगी.

इससे पहले बीजेपी महासचिव और पश्चिसम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय से जब एक पत्रकार ने पूछा था कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की 22 सीटें जीतने का दावा कर रहे हैं.

तब जवाब में विजयवर्गीय ने कहा था कि लोकसभा चुनाव के रिजल्ट के बाद इस बात में भी संशय है कि वे 22 दिन भी मुख्यमंत्री रहते है या नहीं.

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लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की विदिशा में हुई रैली में उमा भारती के निशाने पर राज्य की कमलनाथ सरकार भी रही थी. उमा ने कहा था कि प्रदेश सरकार को बीजेपी नहीं बल्कि खुद कांग्रेस के लोग ही गिरा देंगे. कांग्रेस के कई विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं.

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी संकेतों में इशारा किया  था कि बीजेपी का ऐसा कोई इरादा नहीं है कि वह कमलनाथ सरकार को गिराए.

हालांकि, बीजेपी की चंद सीटें ही कम थीं लेकिन सोच समझकर ही पार्टी ने तय किया कि वह राज्य में सरकार नहीं बनाएगी. उनकी सहयोगी मायावती भी नाराज हैं. ऐसे में अगर यह सरकार अपने बोझ से गिरती है तो उसमें बीजेपी कुछ नहीं कर सकती.

इससे पहले बीएसपी विधायक रमाबाई ने भी कहा था कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है और वो सरकार हमारी सम्मानीय, आदरणीय बहनजी के सहयोग से बनी. ऐसे मौके पर आप लोगों ने मंत्री नहीं बनाया तो कब बनाएंगे. हम नहीं चाहते कि कर्नाटक जैसी स्थिति मध्य प्रदेश में हो.

बता दें कि मध्य प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है लेकिन उसे अपने दम पर बहुमत नहीं है. बीजेपी के पास 109 विधायक हैं. ऐसे में बीएसपी के दो, एसपी का एक और चार निर्दलीय विधायकों के समर्थन से कांग्रेस सरकार चल रही है.

यानी इस वक्त कमलनाथ सरकार के साथ 121 और उसके विरोध में 109 विधायक हैं. कमलनाथ सरकार की चाबी निर्दलीय, बीएसपी और एसपी के पास है.

 

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