1 साल में 5 राष्ट्रीय पार्टियों की आय 39% बढ़ी

msid-51905573,width-300,resizemode-4,paisaएजेंसी/नई दिल्ली

पांच राष्ट्रीय पार्टियों बीजेपी, सीपीआई, सीपीएम, एनसीपी और बीएसपी को कुल 1275 करोड़ की राशि चंदे के तौर पर मिली। इसमें से आधे से अधिक रकम को अज्ञात स्त्रोतों से मिले चंदे के तौर पर बताया गया है। पार्टियों की कुल आय और खर्चे का विश्लेषण असोसिएशन फॉर डेमोक्रैटिक रिफॉर्म्स की ओर से किया गया। विश्लेषण में शामिल पांच पार्टियों में सीपीआई ऐसी पार्टी है जिसकी आय कम हुई है।
राजनीतिक पार्टियों की आय में बेतहाशा वृद्धि का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि 2013-14 में कुल आय 920 करोड़ थी। यह आंकड़ा 2014-15 में बढ़कर 1275 करोड़ पहुंच गया। इसमें भी BJP की आय सबसे अधिक 44 फीसदी बढ़ी और 673 करोड़ का आंकड़ा बढ़कर 970 करोड़ तक पहुंच गया। सीपीआई अकेली पार्टी है जिसकी आय वित्तीय वर्ष 2013-14 में 2.43 करोड़ से घटकर 14-15 में 1.84 करोड़ रह गई।

कांग्रेस की कुल आय के आंकड़े उपलब्ध नहीं हो सके क्योंकि चुनाव आयोग द्वारा जारी 30 नवंबर की डेडलाइन बीतने के बाद भी पार्टी ने अपनी रिपोर्ट नहीं दी। ग्रांट्स, दान, फंड जमा करने और स्वैच्छिक सहयोग पार्टियों की आय के प्रमुख स्त्रोत हैं। BJP ने कुल आय में से 940 करोड़ की रकम दान के जरिए मिलने की बात कही। वहीं BSP को 92 करोड़, NCP को 38 करोड़ की रकम दान के जरिए मिली। पार्टियों की कुल आय 1275 करोड़ की रकम में से 116 करोड़ की रकम को ही दूसरे स्त्रोतों से प्राप्त बताया गया, जो कुल आंकड़े का महज 9.14 फीसदी है।

पार्टियों की ओर से त्वरित सहायता को भी अज्ञात स्त्रोतों में रखा जाता है। 20 हजार से कम की राशि, कूपनों की बिक्री, राहत फंड, अनेक तरह की और आय, स्वैच्छिक सहयोग और मीटिंग और मोर्चे से जमा होनी वाली राशि को भी अज्ञात स्त्रोत में ही रखा जाता है।

इस तरह अज्ञात रहकर स्वैच्छिक दान करने वालों के रेकॉर्ड सार्वजनिक नहीं हैं। राजनीतिक पार्टियों को ज्यादातर रकम अज्ञात स्त्रोतों (इनकम टैक्स रिटर्न में दी गई जानकारी के आधार पर) से मिली है। वित्तीय वर्ष 2014-15 में 685 करोड़ की रकम ऐसे स्त्रोत से आई, जो कुल रकम का लगभग 54 फीसदी है।

पार्टी इतने बड़े फंड का प्रयोग कहां करती है, यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है। BJP की ओर से अधिकतम फंड का प्रयोग प्रचार और विज्ञापनों के लिए किया गया। 471 करोड़ की राशि इन पर खर्च की गई। वहीं 209 करोड़ की रकम यात्राओं पर खर्च की गई।

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