एक टन प्याज की कीमत सिर्फ 1 रुपया

एक टन प्याजपुणे। देश में किसानों की हालत किसी से छिपी नहीं है। खुदरा मंडी में जहां सब्जी विक्रेता किलो-आधा किलो में ही कई रुपए सीधे कर लेते हैं, वहीं एक किसान को टन भर प्याज बेचने पर महज एक रुपए की कमाई होती है। प्याज की गिरती कीमतों से परेशान एक किसान ने अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा है कि जिला कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) में लगभग एक टन प्याज बेचकर वह केवल एक रुपया ही कमा सका।

एक टन प्याज और एक रुपया

एक रुपए में एक टन प्याज बेचने वाले 48 साल के देवीदास परभाने नाम के इस किसान का कहना है कि प्याज की कीमतों में गिरावट का असर उन जैसे कई किसानों पर पहले ही दिख रहा था। अन्य किसानों ने भी इस साल बंपर फसल के बावजूद औने पौने दामों में अपने सौदों को निपटा दिया।

पूरा गणित समझाते हुए परभाने कहते हैं कि उसने दो एकड़ जमीन में 80 हजार रुपए खर्च करके प्याज उगाया। उन्होंने कहा कि 10 मई को 952 किलो प्याज एक ट्रक में लादकर पुणे स्थित एपीएमसी पहुंचाया। प्रति दस किलो प्याज के लिये उन्‍हें 16 रुपए मिले। यानी उनहें इसका केवल एक रुपया 60 पैसे प्रति किलो का भाव मिला। परभाने ने कहा कि हर दिन हम सूखा प्रभावित इलाकों में किसानों द्वारा आत्महत्या के समाचार सुन रहे हैं। हालांकि, प्याज की कीमतों के इस निचले स्तर तक आने के बाद उन जैसे किसानों का भी यही हश्र हो सकता है।

उन्होंने कहा कि प्याज की कुल कीमत 1523.2 रुपए मिली, इसमें से बिचौलिये ने 91.35 रुपए कमीशन लिया, श्रमिक शुल्क 59 रुपए रहा। इसके अलावा 18.55 रुपए व 33.30 रुपए विशिष्ट शुल्क के रूप में दिए गए। इसके अलावा 1320 रुपए ट्रक ड्राइवर ने लिये जो प्याज लेकर एपीएमसी गया था। इस प्रकार कुल मिलाकर 1522.20 रुपए खर्च हो गये। किसान ने कहा कि सभी कटौतियों के बाद उसके पास केवल एक रुपया ही बचा। उसने कहा कि वह कम से कम तीन रुपए प्रति किलो की उम्मीद कर रहा था। लेकिन इस तरह के सौदे से वह निराश है। वहीं इस मामले पर कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) से इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं मिल सकी।

स्थानीय मीडिया ने इस सौदे में प्याज खरीदने वाले व्यापारी के हवाले से कहा है कि प्याज छोटे आकार का था और गुणवत्ता भी अच्छी नहीं थी। इस बीच प्याज व्यापारियों व एपीएमसी लासलगांव के सदस्यों का एक प्रतिनिधि मंडल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिला तथा प्याज की गिरती कीमतों के मुद्दे में हस्तक्षेप का आग्रह किया। प्रतिनिधिमंडल ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि वह अधिक प्याज के निर्यात की अनुमति दे। प्याज उत्पादकों को मुआवजा दिया जाए और किसानों को होने वाले भारी नुकसान से बचाने के लिये सरकार अतिरिक्त प्याज की खरीदारी करे।

लासलगांव की एपीएमसी के चेयरमैन जायदाता ने कहा कि पिछले साल के मुकाबले इस साल 13.88 लाख टन प्याज का अतिरिक्त उत्पादन हुआ है। महाराष्ट्र में 203.15 लाख टन प्याज का उत्पादन हुआ जिसमें से 42.80 लाख टन प्याज एपीएमसी को बिक्री के लिये भेजा गया। पिछले साल केवल 35 लाख टन ही भेजा गया था। इससे पता चलता है कि इस साल प्याज का उत्पादन अधिक हुआ है।

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