एकादशी व्रत आज से हो रहा है शुरू इस तरह से करें पूजा-पाठ, पूरी होगी हर मनोकामना

22 नवंबर को शुक्रवार और एकादशी का योग है। अगहन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के लिए व्रत रखा जाता है, विशेष पूजा की जाती है। विष्णुजी के साथ ही देवी लक्ष्मी की पूजा करने से धन संबंधी कामों में आ रही परेशानियां खत्म हो सकती हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार जानिए इस दिन पूजा-पाठ से जुड़े कौन-कौन से शुभ काम किए जा सकते हैं…

एकादशी व्रत

  • भगवान विष्णु और महालक्ष्मी का अभिषेक दक्षिणावर्ती शंख से करें। दूध में केसर मिलाएं और शंख में ये दूध डालकर अभिषेक करें। दीपक जलाएं। पूजा में लक्ष्मी मंत्र- ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:। इस मंत्र का जाप 108 बार करें।
  • भगवान विष्णु साथ बैठी हुई देवी लक्ष्मी की पूजा करें। घी का दीपक जलाएं। गुलाब के लाल फूल चढ़ाएं। दूध से बनी मिठाइयों का भोग लगाएं।
  • लक्ष्मीजी के मंदिर में जाएं और देवी मां को कमल के फूल चढ़ाएं। सफेद मिठाई का भोग लगाएं। इस दिन देवी लक्ष्मी को इत्र अर्पित करें।
  • शाम के समय पीपल वृक्ष के नीचे, पंचमुखी दीपक जलाएं। विष्णुजी और देवी लक्ष्मी से धन संबंधी परेशानियों को दूर करने की लिए प्रार्थना करें।
  • देवी लक्ष्मी के चरणों में श्रीयंत्र रखकर उसका पूजन करें। पूजा के बाद श्रीयंत्र तिजोरी में रखें।
  • घर की उत्तर-पूर्व दिशा में गाय के शुद्ध घी में केसर डालकर दीपक जलाएं।
  • लक्ष्मीजी की पूजा करते समय चांदी के सिक्के भी पूजा की थाली में रखें। पूजा के बाद इन सिक्कों को तिजोरी में रख दें।
  • शुक्रवार की शाम देवी लक्ष्मी की प्रतिमा का पूजन करें। पूजा में देवी लक्ष्मी के चरणों में 7 कौड़ियां रख दें। पूजा के बाद ये कौड़ियां तिजोरी में रख सकते हैं।

 

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