योग की भूमि है पवित्र ऋषिकेश

ऋषिकेश

उत्‍तरांचल में हिमालय के तल में बसा ऋषिकेश अपनी सुन्‍दरता के अलावा प्राकृतिक छटा के लिए भी प्रसिद्ध है। ऋषिकेश की वादियों की सुन्दर पहाड़ियों में खेलती गंगा की लहरें मन को मोह लेती हैं। ऋषिेकेष योग के लिए विश्‍व भर में प्रसिद्ध है। यहां पर विश्‍व के कोने-कोने से लोग आते हैं।

यहां का विश्‍व प्रसिद्ध लक्ष्मण झूला असल में एक पुल है जिसे 1929 में बनवाया गया था। इस से पहले इसी स्थान पे एक और पुल था जो 1924 की बाढ़ में नष्ट हो गया था। ऐसा माना जाता है की जूट की बानी रसियों के पुल द्वारा लक्ष्मण ने यहाँ से गंगा को पार किया था इसलिए उस पुल का नाम लक्ष्मण झूला पड़ गया। इस पुल से पहाड़ियों के बीच से आती हुई गंगा नदी का अति-मनोरम दृश्य देखने को मिलता है। राम झूला नामक एक अन्य पुल लक्ष्मण झूले से कुछ दूरी पे है।

ऋषिकेश में अनेक मंदिर व आश्रम है। इन आश्रमों में योग साधना के लिए दूर दूर से लोग आते है। परमार्थ निकेतन गंगा घाट पे स्थित एक आश्रम है। यहाँ की शाम की गंगा आरती बड़ी ही रमणीय होती है। स्वर्ग आश्रम व गीता भवन भी गंगा के किनारे बने अति सुन्दर आश्रम है। लक्ष्मण झूले को पार कर के गंगा की दूसरी ओर ये आश्रम स्थित है। सड़क पे पैदल चलते हुए आप इन मंदिरो और आश्रमों को देख सकते है। गीता भवन राम झूले के समीप स्थित है।

त्रिवेणी घाट

त्रिवेणी घाट, ऋषिकेश का वह स्थान है जहा तीन महानदियों गंगा, यमुना व सरस्वती का संगम होता है। यह अति पवित्र घाट है। यहां के निर्मल जल में स्नान कर के सारे पाप धुल जाते हैं।

ऋषिकेश में खाने-पीने की अच्छी व्यवस्था है। यहां पर मासांहार पर रोक है। वैसे तो यहां कई अच्छे रेस्टोरेंट व भोजनालय हैं परन्तु सबसे बड़ा नाम चोटीवाला रेस्टोरेंट का है। यहां का भोजन काफी स्वादिष्ट है।

rafting

धार्मिक दर्शनीय स्थलों के साथ-साथ ऋषिकेश का एक आकर्षण और है, वह है रिवर राफ्टिंग। गंगा की लहरों में झूलते हुए, पानी से खेलते हुए अपनी कश्ती से नदी को पार करने का उत्साह अलग ही आनद देता है। रिवर राफ्टिंग की बुकिंग के लिए अनेक पैकेज आनलाइन वेब साइट्स पे उपलब्ध है परन्तु सीधा ऋषिकेश पहुंचने के वहां के राफ्टिंग एजेंट से संपर्क करने से आपको राफ्टिंग का मूल्य सस्ता पड़ेगा। बारिशों के मौसम में गंगा के अपने स्तर से ऊपर बहने की वजह से राफ्टिंग बंद रहती है।

प्रकृति प्रेमियों के लिए ऋषिकेश स्वर्ग है। यहां का वातावरण बहुत ही सरल, साफ़ व शान्ति देने वाला है। बहुत से तीर्थ स्थान जैसे की देवप्रयाग, रुद्रप्रयाग, गंगोत्री, बदरीनाथ तथा नीलकंठ महादेव जाने का रास्ता ऋषिकेश से हो कर ही जाता है।

कैसे पहुंचें:

हरिद्वार से टैक्सी,  बस व रेल द्वारा जुड़े होने के कारण ऋषिकेश पहुंचना बहुत सरल है। सबसे नज़दीक हवाई अड्डा जॉली ग्रांट हवाई अड्डा, देहरादून है। टैक्सी द्वारा हरिद्वार से ऋषिकेश जाने का किराया 40-50 रुपये है। बस द्वारा जाना चाहे तो आपको बस स्टैंड जाना होगा। रेल द्वारा जाने पर पहाड़ियों के मनोरम दृश्य का आनंद उठा सकते है।

 

 

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