मोदी सरकार ने पद्मश्री देने में देर कर दी, अब जिंदगी के आखिरी लम्हों में इसका क्या करूं?

उस्ताद इमरत खाननई दिल्ली। मशहूर सितार एवं सुरबहार वादक उस्ताद इमरत खान ने पद्मश्री पुरस्कार ठुकरा दिया है। भारत सरकार की तरफ से पद्मश्री पुरस्कार के लिए चुने जाने के बाद 82 साल के उस्ताद इमरत खान ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सरकार ने बहुत देर कर दी है।

उस्ताद इमरत खान ने कहा कि, यह बहुत देर से दिया जा रहा है और उनके ‘‘विश्वव्यापी शोहरत और योगदान’’ के अनुरूप नहीं है। इमरत ने कहा कि ऐसे वक्त में जब उनके जूनियर पद्मभूषण से नवाजे जा चुके हैं, उन्हें पद्मश्री पुरस्कार पर मिश्रित विचार आए।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत सरकार ने 82 साल की उम्र में मेरी जिंदगी के आखिरी लम्हों में मुझे पद्मश्री पुरस्कार के लिए चुना है। जहां, मैं इस कदम के पीछे की अच्छी मंशा स्वीकार करता हूं, बिना किसी पूर्वग्रह पाले मेरे इसपर मिश्रित विचार हैं। यह शायद कई दशक बाद आया है।’’

सेंट लुइस में रह रहे उस्ताद इमरत ने कहा कि उन्होंने दुनिया भर में भारतीय क्लासिकल संगीत, खास कर सितार और सुरबहार के प्रचार-प्रसार में बड़ा योगदान किया है। उन्होंने यह बात तब कही जब गणतंत्र दिवस के अवसर पर पुरस्कार की घोषणा के बाद भारतीय वाणिज्य दूतावास ने उनसे संपर्क किया था।

इमरत अपने बड़े भाई उस्ताद विलायत खान, उस्ताद बिस्मिल्ला खान, उस्ताद अहमदजान थिरकवा खान और पंडित वीजी जोग के साथ अपने संगीत का जौहर दिखा चुके हैं।

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