उफ्फ… ये बेरोजगारी, 11 राज्यों में सबसे ज्यादा फैली है ये बीमारी!

देश में चुनाव का माहौल है और बेरोजगारी को लेकर कांग्रेस मोदी सरकार पर हमलावर है. दूसरी ओर सरकार का कहना है कि देश में पर्याप्त नौकरियां हैं लेकिन उन्हें मापने का सिस्टम अभी नहीं विकसित हुआ है. जॉब पर इस आरोप-प्रत्यारोप के बीच आधिकारिक आंकड़े NSSO के हैं जो देश के अलग-अलग राज्यों में बेरोजगारी की निराशाजनक तस्वीर दिखा रहे हैं.

नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (NSSO) की रिपोर्ट के अनुसार 2017-18 में 11 राज्यों में बेरोजगारी की दर राष्ट्रीय औसत 6.1 प्रतिशत से ज्यादा है. देश में बेरोजगारी की दर 6.1 फीसदी है जो पिछले 45 सालों में सबसे ज्यादा है.

साल 2011-12 के मुकाबले केरल, हरियाणा, असम, पंजाब, झारखंड, तमिलनाडु, उत्तराखंड, बिहार, ओडिशा, उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी की दर बेतहाशा बढ़ी है.

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केरल में  सबसे ज्यादा बेरोजगारी

साल 2011-2012 में केरल में बेरोजगारी की दर 6.1 प्रतिशत थी. जबकि साल 2017-18 में ये 11.4 प्रतिशत हो गई. ऐसा माना जा सकता है कि सबसे ज्यादा बेरोजगारी केरल में ही है.

केरल के बाद नंबर हरियाणा का आता है, हरियाणा में 2011-12 में बेरोजगारी की दर 2.8 प्रतिशत रही थी जो साल 2017-18 में बढ़कर 8.6 प्रतिशत हो गई.

एनएसएसओ विभिन्‍न क्षेत्रों में व्‍यापक स्‍तर पर सर्वेक्षण करता है. एनएसएसओ द्वारा बेरोजगारी की दर को देखने के लिए जिन 19 प्रमुख राज्यों का सर्वेक्षण किया गया उनमें हरियाणा, असम, झारखंड, केरल, ओडिशा, उत्तराखंड, पंजाब, तमिलनाडु, बिहार, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ शामिल थे.

 

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