अमित शाह ने भाजपा सांसदों को दिया ये होमवर्क

भाजपा सांसदों

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के भाजपा सांसदों को आगामी विधानसभा चुनाव में यह साबित कर दिखाना होगा कि उनकी पकड़ अपने क्षेत्र पर भी है और अपनी जाति पर भी।

केंद्रीय नेतृत्व की ओर से उन्हें न्यूनतम तीन विधानसभा क्षेत्रों में जीत सुनिश्चित करने के लिए जुटने को कहा गया है। इसके अलावा उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित रखना होगा जहां उनकी जाति का वर्चस्व है। परोक्ष रूप से उन्हें यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि यह प्रदर्शन 2019 में व्यक्तिगत लिहाज से भी अहम होगा।

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 उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों को लेकर भाजपा के अंदर गुना भाग तेज हो गया है। बहुमत के लिए 202 का आंकड़ा चाहिए। लगातार अलग अलग स्तर पर हो रही बैठकों के बीच बताया जा रहा है कि प्रदेश के सांसदों को पांच विधानसभा सीटों पर काम करने को कहा गया है।

उनमें से तीन सीटों पर जीत का लक्ष्य भी दिया गया है। सूत्र बताते हैं कि यह कार्यक्रम कुछ इस अंदाज में बनाया जा रहा है कि जाति समुदाय को विशिष्ट तौर पर संबोधित किया जा सके। मसलन दलित सांसदों व प्रतिनिधियों का दौरा व कार्यक्रम मुख्यतः उन क्षेत्रों में होगा जहां दलित आबादी ज्यादा है तो ब्राह्माण सांसद उन क्षेत्रों में ज्यादा होंगे जहां उनकी आबादी प्रभावी है।

सांसदों को पहले ही निर्देश दिया जा चुका है कि चुनाव तक हर महीने वह अपने संसदीय क्षेत्र में 20 दिन रहें और दूसरे क्षेत्रों में बाकी के 10 दिन। चुनाव तक हर महीने इसी नियम पर काम करना होगा।

गौरतलब है कि राज्य में बहुमत के लिए 202 का आंकड़ा चाहिए। अगर भाजपा के 70 सांसद तीन तीन का लक्ष्य पूरा कर पाते हैं तो भी 210 का आंकड़ा होगा। इसके लिए व्यक्तिगत संपर्क और दौरा के साथ साथ सोशल मीडिया के इस्तेमाल के लिए पहले ही निर्देश दिया जा चुका है।

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उन्हें यह भी फेसबुक और ट्विटर पर अपने फालोअर की संख्या भी बढ़ाएं। बताते हैं कि इस पूरी कवायद के साथ साथ परोक्ष संकेत भी है कि विधानसभा चुनाव में उनका प्रदर्शन ही बताएगा कि वह कितना लोकप्रिय है। और 2019 लोकसभा चुनाव में वह कितना प्रभावी हो सकते हैं।

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