उपभोक्ता फोरम ने रेलवे को सुनाया फरमान, लापरवाही का भुगतना होगा अंजाम
नई दिल्ली। उभोक्ता फोरम के फैसले से भारतीय रेलवे को तगड़ा झटका लगा है। इस फैसले के तहत रेलवे एक यात्री को 1.41 लाख रुपए देने के लिए बाध्य हो गया है। दरसअल अरविंद सिंह चंदेल नामक व्यक्ति 2013 में ट्रेन से यात्रा कर रहे थे। उसी दौरान उनसे लूटपाट की गयी। पीड़ित ने निजामुद्दीन रेलवे पुलिस में इस मामले की शिकायत दर्ज कराई थी। मामले को गंभीरता से लेते हुए उपभोक्ता फोरम ने इसे रेलवे की बड़ी चूक बताया और यात्री के हित में फैसला सुनाया।
उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह और मेंबर पुरषोत्तम तिवारी ने पश्चिम रेलवे के क्षेत्रीय प्रबंधक को अगले दो महीनों के अंदर पीड़ित को तय राशी का भुगतान करने का आदेश दिया है।
इसके साथ ही उन्होंने हिदायत दी है कि यदि मुस्त रकम का भुगतान करने में देरी होती है तो रेलवे को 7 फीसदी ब्याज के साथ भुगतान करना होगा।
इस फरमान में फोरम ने रेलवे को दो माह का समय दिया है। इसके उपरान्त 25 अगस्त, 2013 की तारीख से ब्याज के साथ रकम देनी होगी।
पीड़ित ने अपनी याचिका में दावा किया था कि वह 16 फरवरी 2013 को देहरादून एक्सप्रेस ट्रेन से यात्रा कर रहे थे।
यात्रा के समय एक चोर उनके एस1 कंपार्टमेंट में आया और उनकी पत्नी रेखा चंदेल के पास से बैग चुराकर भाग गया।
इस बैग में 1.27 लाख रुपये के गहने, 1450 रुपये का फोन तथा 10 हजार रुपये की नकदी थी। पीड़ित ने उसके बाद चोर का पीछा किया लेकिन चोर चलती ट्रेन से कूद कर भाग गया।
पीड़ित के वकील प्रताप सिंह रावत के मुताबिक, रेलवे यात्रा कर रहे यात्रियों को सुरक्षा मुहैया कराने में असफल रहा। उन्होंने आरोप लगाया है कि रेलवे स्टाफ भी सहायता करने के लिए मौके पर मौजूद नहीं था।