सपा सुप्रीमो को चिट्ठी लिखना पड़ा महंगा, छह साल के लिए पार्टी से हुए निष्‍कासित

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी के भीतर पहले से मचा घमासान अब और अधिक गहराता जा रहा है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की मांग करने वाले विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) उदयवीर सिंह को समाजवादी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। उदयवीर सिंह की चिट्ठी सामने आने के बाद से ही माना जा रहा था कि जल्द ही उनपर कार्यवाही की जा सकती है। आज सपा प्रदेश अध्यक्ष ने उन्हें पार्टि से निष्कासित कर दिया।

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उदयवीर सिंह को सपा ने 6 साल के पार्टी से निकाल दिया है। उदयवीर सिंह को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का करीबी बताया जाता है। उदयवीर सिंह ने सपा सुप्रीमों मुलायम सिंह को विवादित चिट्ठी लिखकर विवाद पैदा किया था।

शिवपाल सिंह ने कहा कि विवादित चिट्ठी लिखने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। समाजवादी पार्टी से बर्खास्त एमएलसी उदयवीर ने अपनी बर्खास्तगी पर प्रतिक्रिया दी है।

उदयवीर सिंह ने कहा कि पार्टी से बर्खास्तगी का मुझे कोई अफसोस नही हैं। उन्होंने कहा कि नेताजी को लिखी गई चिट्ठी पर मैं अब भी कायम हूं। इसके साथ ही उदयवीर ने कहा कि कुछ लोग हैं जो नेताजी तक सही बात नहीं पहुंचने दे रहें हैं। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि नेताजी मुख्यमंत्री के साथ न्याय करेंगे।

एमएलसी ने कहा मैं मुख्यमंत्री के साथ हूं और साथ रहूंगा। नेताजी को गाली देने वाले आज पार्टी में हैं और जिसने चिट्ठी लिखी वो बाहर हैं।

गौरतलब है कि अखिलेश यादव के करीबी और एमएलसी उदयवीर सिंह ने बुधवार को ही सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को चिट्ठी लिखकर इस बात की मांग की है कि वे खुद पार्टी के संरक्षक बनें और अपनी कुर्सी (वर्तमान में राष्ट्रीय अध्यक्ष) अपने बेटे सीएम अखिलेश को सौंप दें।

उदयवीर सिंह ने अपनी चिट्ठी में यह भी लिखा कि परिवार के भीतर से भी अखिलेश यादव के खिलाफ साजिश हो रही है और शिवपाल यादव इसमें शामिल हैं।

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