खुलासा : दस में चार लड़कियां होती हैं उत्पीड़न की शिकार

नई दिल्ली। भारत में 10 में से चार लड़कियां 19 वर्ष की आयु पूरी होने से पहले उत्पीड़न या हिंसा की शिकार होती हैं। भारत में छह फीसदी लड़कियां 10 साल की आयु पूरी करने से पहले उत्पीड़न की शिकार होती हैं, जबकि ब्राजील के लिए यह आंकड़ा 16 फीसदी, ब्रिटेन में 12 फीसदी तथा थाईलैंड में आठ फीसदी है। गैर सरकारी संगठन एक्शन एड की एक विज्ञप्ति से यह खुलासा हुआ है। संगठन द्वारा चार देशों में किए गए सर्वेक्षण में यह बात भी सामने आई है कि दुनिया भर में महिलाएं पहली बार युवावस्था में उत्पीड़न की शिकार होती हैं।

उत्पीड़न की शिकार

शोध के दौरान यह भी सामने आया है कि भारत में तीन चौथाई (73 फीसदी) लड़कियां पिछले कुछ महीनों के दौरान उत्पीड़न या हिंसा की शिकार हुई हैं। जबकि थाईलैंड में 67 फीसदी तथा ब्राजील में 87 फीसदी लड़कियां पिछले कुछ महीनों के दौरान उत्पीड़न या हिंसा की शिकार हुईं।

सबसे चौंकाने वाला खुलासा यह है कि लड़कियों द्वारा उत्पीड़न या हिंसा से बचने के लिए रोजमर्रा के जीवन में अपने आपको बचाने के लिए हर संभव कदम उठाना आम सा हो गया है।

एक्शन एड इंडिया के कार्यकारी निदेशक संदीप चाचर ने कहा, “विभिन्न देशों में किए गए सर्वेक्षणों से यह स्पष्ट हो गया है कि महिलाओं के खिलाफ उत्पीड़न तथा हिंसा से निपटने के लिए सरकार तथा समाज की तरफ से कदम उठाना अनिवार्य हो गया है। पिछले कुछ दशकों में महिलाओं की क्षमता में काफी इजाफा हुआ है और आधी आबादी को बराबरी का दर्जा दिए जाने के अपने वादे से आज भी हम बेहद दूर हैं।”

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