उत्तराखंड में फिर से राष्ट्रपति शासन

55403-hammer-courtनई दिल्ली/देहरादून। उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के केन्द्र सरकार के फैसले के खिलाफ नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए फिलहाल उस आदेश पर 27 अप्रैल तक रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच जस्टिस दीपक मिश्रा और शिव कीर्ति सिंह ने केन्द्र सरकार की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि राज्य में 27 अप्रैल तक राष्ट्रपति शासन रहेगा लागू और उससे पहले केंद्र भी राष्ट्रपति शासन न हटाए।

सभी पक्षों को 26 अप्रैल तक दें हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 26 अप्रैल तक सभी पक्षों को हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी मुहैया करायी जाए। जब तक उन्हें कॉपी नहीं मिल जाती है उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगा रहेगा। गुरुवार को नैनीताल हाईकोर्ट ने राष्ट्रपति शासन को उत्तराखंड से हटाते हुए हरीश रावत को 29 अप्रैल को बहुमत साबित करने का समय दिया था। इसके साथ ही, हाईकोर्ट ने सभी 9 बागी विधायकों की सदस्यता भी रद्द कर दी थी।

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जजमेंट की हस्ताक्षरित कॉपी ना के चलते लगी अंतरिम रोक

सुप्रीम कोर्ट की तरफ से उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले पर 27 अप्रैल तक लगाई गई अतंरिम रोक का बड़ा कारण हाईकोर्ट की तरफ से जजमेंट की हस्ताक्षरित कॉपी का न उपलब्ध कराना है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सरकार का पक्ष रख रहे अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने जजमेंट की लिखित कॉपी को आधार बनाते हुए सुप्रीम कोर्ट से हाईकोर्ट के फैसले पर रोक की मांग की थी। लिहाजा सर्वोच्च न्यायालय ने हाईकोर्ट को 26 अप्रैल तक जंजमेंट पर हस्ताक्षरित कॉपी लगाने को कहा है। इसके साथ ही, सभी पक्षकारों को भी हस्ताक्षरित कॉपी उपलब्ध कराने को कहा है।

सुप्रीम कोर्ट का कहना है बिना हस्ताक्षरित कॉपी के किसी भी आदेश का कार्यान्वयन नहीं हो सकता है तो फिर सरकार को किस आधार पर बहाल किया गया है, जो उसने राज्य में काम करना शुरु कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई के तारीख 27 अप्रैल देते हुए केंद्र को इस बीच राष्ट्रपती शासन न लगाने के कड़े आदेश भी दिए हैं।

मुख्य बिंदु :

*उत्तराखंड में 24 घंटे के अंदर दोबारा राष्ट्रपति शासन बहाल
* नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक
* सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को फैसले की कॉपी सभी पक्षों को 26 अप्रैल तक देने को कहा
* सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा कि इस बीच वो राष्ट्रपति शासन नहीं हटा सकती
* केंद्र और बागी विधायकों कि याचिका पर हरीश रावत और स्पीकर को नोटिस भेजा गया
* अब इस मामले की अगली सुनवाई 27 अप्रैल को होगी

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