उत्तराखंड के इस विधायक को कांग्रेस ने दी बड़ी जिम्मेदारी, क्या इसी से ही निकलेगे का आगे का रास्ता

उत्तराखंड के इस विधायक को कांग्रेस में अहम जिम्मेदारी मिली है। बता दें कि हाल ही में करोड़ों के छात्रवृत्ति घोटाले में उनके भाई को गिरफ्तार किया गया है।
हरिद्वार में मंगलौर विधायक काजी निजामुद्दीन को कांग्रेस संगठन में अखिल भारतीय स्तर पर बड़ी जिम्मेदारी मिली है। उन्हें राष्ट्रीय संगठन सचिव बनाया गया है। वह पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव संगठन के वेणुगोपाल के साथ दिल्ली में पार्टी संगठन का काम करेंगे। इससे पहले, काजी निजामुद्दीन को पार्टी ने राजस्थान के सह प्रभारी की जिम्मेदारी दी थी।

उत्तराखंड

काजी निजामुद्दीन ने इस जिम्मेदारी के लिए पार्टी नेतृत्व का आभार प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी फिर से अपनी मजबूती के लिए काम कर रही है। ऐसे समय में हम सबकी जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि पार्टी संगठन की मजबूती के लिए लगातार काम किया जाएगा।
भाई पर ढाई करोड़ की छात्रवृत्ति हड़पने का आरोप
बता दें कि पिछले दिनों एसआईटी ने ढाई करोड़ की छात्रवृत्ति हड़पने के आरोप में टेकवर्ड्स वली ग्रामोद्योग विकास संस्थान मंगलौर के अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष को गिरफ्तार किया था। इनमें से एक आरोपी काजी नूरुद्दीन मंगलौर के कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन का भाई है। वहीं दूसरे आरोपी संजय बंसल देवभूमि ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट, देहरादून के चेयरमैन भी हैं। छात्रवृत्ति घोटाले में एसआईटी ने 21 दिन में हरिद्वार के तीसरे निजी संस्थान के खिलाफ कार्रवाई की थी।

टीसी मंजूनाथ (प्रभारी, एसआईटी छात्रवृत्ति घोटाला) ने बताया था कि समिति के अध्यक्ष मंगलौर निवासी प्रदीप अग्रवाल, कोषाध्यक्ष काजी नूरुद्दीन निवासी किला मंगलौर और सचिव संजय बंसल निवासी ईसी रोड देहरादून को हिरासत में लिया है। एसआईटी जांच में आया कि टेकवर्ड्स वली ग्रामोद्योग विकास संस्थान ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन मंगलौर द्वारा 2012-13 से 2014-15 तक अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्रों के दाखिले दर्शाकर करीब दो करोड़ 54 लाख 10 हजार 440 रुपये की छात्रवृति हड़पी गई है।

अरुण जेटली का कांग्रेस पर जोरदार हमला, बोले- गुरु ऐसा है तो शिष्य कितना निकम्मा निकलेगा
मोदी के खिलाफ बोलने का बदला
एसआईटी ने जब कॉलेज का भौतिक सत्यापन किया तो कॉलेज के स्थान पर खंडहर मिला। आरोपियों ने एमबीए, बीबीए, बीसीए, बीएससी, आईटी के कोर्स संचालित करने के लिए वर्ष 2011 में उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय से आवेदन किया था, लेकिन उन्हें मान्यता नहीं मिली थी। एसआईटी ने संदिग्ध आरोपियों को रोशनाबाद स्थित कार्यालय बुलाया था। घोटाले से संबंधित सवालों का संतोषजनक जवाब न देने पर एसआईटी ने तीनों पदाधिकारियों को सिडकुल थाने के सुपुर्द कर दिया था।

इस पर कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने भाजपा सरकार पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि वे राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की बड़ी जिम्मेदारी निभा रहे हैं और मोदी के खिलाफ बोल रहे थे।जिसका बदला उनके भाई से लिया गया है। भाजपा यही काम दिल्ली में राबर्ट वाड्रा के साथ कर रही है। जिसके जरिये भाजपा एक मैसेज देना चाहती है कि जो भी प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ बोलेगा उसके साथ इसी तरह का बर्ताव किया जाएगा।

शादी के बाद कपिल शर्मा ने गिन्नी संग ऐसे मनाई होली , देंखे फोटो

काजी निजामुद्दीन ने कहा था कि मुझे या मेरे परिवार को घोटाला करना होता तो 2017 तक कांग्रेस की सरकार के रहते हुए छात्रवृत्ति के नाम पर घोटाले करते रहते। उस समय कॉलेज को बंद करने की जरूरत नहीं थी। कॉलेज में क्वालिटी स्टाफ नहीं आ रहा था, इसलिए उन्होंने अधिकारिक रूप से अध्ययनरत छात्रों को दूसरे कॉलेजों में ट्रांसफर कराया।

मेरे जिन सहयोगियों को फंसाया गया है, वे ऐसे परिवार से हैं, जिनकी मालकियत हजारों करोड़ की है। एक दो करोड़ का आरोप लगाकर मेरे कारण उन्हें भी फंसाया गया है। उन्होंने कहा था कि पूर्व में तहसीलदार, एएसडीएम, समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने भी इस मामले की जांच की थी। यदि घोटाला होता तो उन्हें ही सबसे पहले मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए थी। उन्होंने मांग की थी कि यदि वे दोषी हैं तो पूर्व में जिन अधिकारियों ने इस मामले में जांच की है, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए।

LIVE TV