उड्डयन मंत्रालय ने नियमित की किराया लौटाने की प्रक्रिया

उड्डयन मंत्रालयनई दिल्ली| केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने उड़ान रद्द होने के बाद विमानन कंपनियों द्वारा अपनाई जाने वाली मनमानी नीतियों के मामले को गंभीरता से लेते हुए उनपर लगाम कसने के लिए शनिवार को कई सारे कदमों की घोषणा की और कहा कि इन स्थितियों में इस तरह के शुल्क बेस किराये से अधिक नहीं हो सकते।

उड्डयन मंत्रालय ने की घोषणा

नागरिक उड्डयन मंत्री पी.अशोक गजपति राजू ने यह भी कहा कि विमानन कंपनी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि रद्द किए गए टिकटों की पुन: अदायगी 15 दिनों के भीतर हो जाए। फिर चाहे टिकटें एजेंट या फिर विभिन्न पोर्टलों के माध्यम से ही क्यों न बुक की गई हों।

उन्होंने कहा, “विमान में सवार नहीं होने और उड़ान रद्द होने की स्थिति में सभी कर, शुल्क और हवाईअड्डा विकास शुल्क वापस करने होंगे। ओवरबुकिंग की वजह से विमान में सवार नहीं होने देने के मामले में मुआवजा राशि बढ़ाकर 20,000 रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा, प्रमोशनल और विशेष दरों सहित सभी किरायों की अदायगी करनी होगी।”

उन्होंने कहा, “यह यात्रियों का विशेषाधिकार होगा कि उनका पैसा वापस किया जाए या फिर जमा किया जाए।”

उन्होंने तय वजन से अधिक सामान पर कर लगाने के मामले में कहा कि 15 किलोग्राम के बाद पांच किलोग्राम वजन पर 100 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक शुल्क नहीं लगाया जा सकता।

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