ईद के दिन मुसलमानों को कार से कुचलने के पीछे क्या है असल वजह ? देखें …

दिल्ली के जगतपुरी थाना इलाके में खुरेजी की बड़ी मस्जिद पड़ती है. 5 जून 2019 को ईद वाले दिन सुबह के वक़्त लोग यहां ईद की नमाज पढ़ने आए थे. इसी दौरान एक तेज़ रफ्तार कार आई और लोगों से टकराते हुए आगे बढ़ गई.

लोगों ने और मौके पर मौजूद पुलिस ने उसे रोकने की कोशिश की. उसका पीछा भी किया. मगर वो कार स्पीड से भाग गई. जब ये सब कुछ हुआ, तब तक नमाज पढ़कर लोग उठ चुके थे.

अगर कुछ समय पहले कार वहां से गुजरी होती, तो बड़ा हादसा हो सकता था. लोग कह रहे थे, ये मुस्लिमों को निशाना बनाने की कोशिश हुई है. उनका आरोप है कि कार लोगों को जान से मारने की नीयत के साथ वहां आई थी.

हालांकि ऐसा कुछ नहीं है. आरोपी कार ड्राइवर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उसका नाम शाहरुख है. पुलिस ने होंडा सिटी कार भी बरामद की है.

यह कार चोरी की है. इसके साथ ही उसकी महिला मित्र को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस की जांच में पता चला है कि 30 मई के दिन मधु विहार इलाके से इस गाड़ी को चुराया गया था.

ईद वाले दिन जब शाहरुख अपनी महिला मित्र के साथ जा रहा था तो पुलिस को तैनात देखकर वह घबरा गया. उसने गाड़ी एक गली में घुसा दी जहां से लोग नमाज अदा करके लौट रहे थे. इस घटना में दो लोगों को मामूली चोटें आई थी.

 

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जब मीडिया ने आरोपियों से इस घटना के बारे में जानना चाहा तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. काफ़ी मशक़्क़त के बाद आरोपियों ने क़बूला कि उनसे ग़लती हो गई थी. साथ ही आरोपी शाहरुख ने कबूला कि उस पर और अपराधिक मामले भी दर्ज हैं.

हालांकि घटना के तुरंत बाद अफ़वाहें फैलने लगी थी कि लोग मर गए हैं. नमाजी घायल हो गए हैं. इसके बाद इलाके में और अगल-बगल की जगहों में तनाव फैल गया. लोग सड़कों पर आ गए. चौराहा जाम कर दिया.

एक DTC बस का शीशा तोड़ दिया. हो-हल्ले का माहौल बन गया. इसके बाद आसपास के थानों से पुलिस टीम और रिजर्व फोर्स को बुलाया गया वहां. बातचीत की गई और तब जाकर चीजें सामान्य हुईं.

इस वाकये के दौरान हुई तोड़फोड़ के वीडियो सोशल मीडिया पर 5 जून की दोपहर से ही तैरने लगे. कई लोग इनके साथ लिख रहे हैं,

 

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कुछ लोग बात कश्मीर में सेना पर होने वाली पत्थरबाज़ी पर ले गए. लिखने लगे कि ये कश्मीर नहीं है, सेना का काफिला नहीं है, ये दिल्ली है जहां ‘अमनपसंद’ लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर पत्थर बरसा रहे हैं.

देखिए किस तरह ये लोग ईद मना रहे हैं. इस वाक्य में अमनपसंद तारीफ में नहीं लिखा गया है. तंज़ में लिखा गया है.

आरोपी शाहरुख की गिरफ्तारी के बाद हकीकत सामने है. ये पूरा वाकया हमें बताता है कि तुरंत निष्कर्ष पर पहुंचने से हम कितने गलत जा सकते हैं. हमारी आपसे अपील है कि ऐसे किसी भी वाकये के दौरान संयम से काम लें और बातों की पुष्टी की कोशिश करें. और हर हाल में हिंसा से दूर रहें.

 

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