इस देश में नहीं मनाया जाता है रक्षाबंधन, कारण जानकर हो जाएंगे हैरान…
भारत में त्योहार सिर्फ खाने-पीने और मौज-मस्ती का नाम नहीं हैं, बल्कि यह एक दूसरे के प्रति प्यार, समर्पण और त्याग को भी दर्शाते हैं। ऐसा ही एक त्योहार है रक्षाबंधन, जो भाई-बहन के असीम प्यार का प्रतीक है।
इस बार रक्षाबंधन 26 अगस्त यानी रविवार को मनाया जाएगा। पूरे देश में जहां बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांध रही होंगी, वहीं यूपी का एक गांव ऐसा होगा जहां प्यार के इस प्रतीक से भाई-बहन दूर होंगे।
गाजियाबाद के मुरादनगर तहसील के सुरेना गांव में सदियों से रक्षाबंधन का त्योहार नहीं मनाया जाता है। यहां रहने वाले लोगों की मानें तो 12वीं शाताब्दी में रक्षाबंधन के त्योहार वाले दिन मोहम्मद गोरी ने इस गांव पर हमला किया था।
इस गांव को 8वीं सदी में बसाया गया था। मोहम्मद गोरी इसी रास्ते होकर गुजरा था। उसने रास्ते में पड़ने वाले सभी मंदिरों को ध्वस्त कर दिया था और पूरे गांव वालों को जान से मार दिया।
हालांकि, गोरी के नरसंहार में ‘छबिया गोत्र की एक महिला बच गई थी, क्योंकि वह गांव में नहीं थी। बाद में उसके बेटे लखन और चूड़ा वापस आए और उन्होंने गांव को फिर से बसाया। वर्तमान में इस गांव की कुल जनसंख्या में 50 फीसदी छबिया यादव ही हैं।
सैकड़ों साल गुजरने के बाद गांववालों ने रक्षाबंधन का त्योहार मनाने का फैसला लिया, लेकिन इसी दिन गांव का एक बच्चा विकलांग हो गया।
इसके बाद से ही गांववालों ने रक्षाबंधन को शापित मानकर इसे मनाना ही बंद कर दिया। तब से लेकर अबतक इस गांव में राखी का त्योहार नहीं मनाया जाता है।
रक्षाबंधन का महत्व
हिन्दू धर्म में रक्षाबंधन का विशेष महत्व है। पुरातन काल से इस पर्व को मनाया जा रहा है। यह हिन्दुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह ऐसा पर्व है जिसमें संवेदनाएं और भावनाएं कूट-कूट कर भरी हुईं हैं।
यह इस पर्व की महिमा ही है जो भाई-बहन को हमेशा-हमेशा के लिए स्नेह के धागे से बांध लेती है।