इस गांव के लोग भुगत रहे हैं भगवान का दंड, धूप में निकलते ही गलने लगती है त्वचा
नई दिल्ली । सूरज की किरणों के अपने फायदे हैं। धूप में कुछ देर बैठने से शरीर को भरपूर मात्रा में विटामिन डी प्राप्त होता है, इससे हड्डियां मजबूत होती हैं। सूर्य की रोशनी से शरीर को कुछ ऐसे तत्व मिलते हैं जिससे कैंसर से लड़ा जा सकता है। हालांकि आज हम जिस जगह के बारे में आपको बताने जा रहे हैं वहां सूरज की रोशनी होते हुए भी लोग उसका उपयोग नहीं कर सकते हैं। इनकी मजबूरी को सुनकर आपको भी बहुत बुरा लग सकता है।
ब्राजील के साओ पाउलो में एक ऐसा गांव है जहां सूरज की रोशनी लोगों की त्वचा को गला देती है। इस गांव का नाम अरारस है। यहां धूप का लोगों के शरीर पर बेहद नकारात्मक प्रभाव है। यहां त्वचा को ऐसे झुलसा देती है जिससे वह लाल व रूखी पड़ जाती है और देखने में भी यह काफी भद्दा लगता है।
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अरारस एक ऐसा गांव है जहां के अधिकांश लोग खेती—बाड़ी से जुड़े हुए हैं। उन्हें दिनभर मैदानों में काम करना पड़ता है। अब ऐसे में धूप के संस्पर्श में आना लाजिमी है और यही धूप उनकी त्वचा को गला देती है। इस वजह से लोग यहां रात के वक्त ही निकलकर जरूरी काम करते हैं हालांकि जरूरत पड़ने पर तो दिन में भी मजबूरी में लोगों को घर से बाहर निकलना ही पड़ता है।
दरअसल, इसमें सूरज की कोई गलती नहीं है बल्कि यहां के लोग एक अजीबोगरीब बीमारी से पीड़ित है। इस दुर्लभ रोग का नाम जेरोडर्मा पिगमेंटोसम है। इसमें लोगों की त्वचा धूप के कॉन्टेक्ट में आने पर बुरी तरह से झुलस जाती है।
वैसे तो यह बीमारी लाखों में किसी एक को ही होती है, लेकिन अरारस में ज्यादातर लोग इस गंभीर रोग से जूझ रहे हैं। यहां लगभग 800 लोग रहते हैं, जिनमें से करीब 600 लोगों को यह बीमारी है।
इस रोग के होने के पीछे लोग तरह-तरह का तर्क देते हैं। किसी का मानना है कि यह एक यौन संबंधी रोग है, कोई कहता है कि आनुवांशिकता इसकी एक बड़ी वजह है तो वही ज्यादातर लोग इसे भगवान का दंड समझते हैं।