इसरो से सहमे अमेरिका और रूस, कहीं बंद न हो जाए दुकान

इसरो का नया कीर्तिमाननई दिल्ली : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए एक साथ 104 उपग्रहों अंतरिक्ष में प्रक्षेपित कर दिया। इससे पहले रूस ने एक साथ 37 उपग्रह भेजे थे। भारत ने जिन 104 उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजा है उनमे अमेरिका, इजराइल, कजाकिस्तान, नीदरलैंड, संयुक्त अरब अमीरात और स्विटरजरलैंड के साथ-साथ इसमें तीन भारत के उपग्रह भी हैं। जिनमे अमेरिका के सबसे ज्यादा 96 उपग्रह हैं। इसरों के कदम से भारत का अंतरिक्ष में दबदबा कायम होने के साथ अंतिरक्ष में जाने के लिए दुनिया के और देशों के आने की संभावना बढ़ जाएगी।

अमेरिका और रूस से काफी सस्ते में अंतरिक्ष में पहुंचा देता है भारत

दरअसल भारत ने पीएसएलवी के अविष्कार के साथ एक ऐसी ताकत पायी है जो इससे पहले रूस और अमेरिका के ही पास थी। पीएसएलवी के जरिये अब तक दुनिया के 20 देशों के लगभग 150 से भी ज्यादा उपग्रहों को अंतरिक्ष ने भेजा जा चुका है। इसरो दुनिया के लिए अंतरिक्ष तक पहुंचने की एक अहम व टिकाऊ मंडी बनता जा रहा है।

इससे न सिर्फ दुनियाभर इसरो को न सिर्फ एक पहचान मिली है बल्कि विदेशी उपग्रहों के प्रक्षेपण से इसरो की कमाई में इजाफा हुआ है। आज से पहले तक इसरो ने अब तक के 57 लांच से करीब 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर की कमाई की है।

अमेरिका से आधे खर्च में इसरो भेजता है उपग्रह

अंतरिक्ष विज्ञान के जानकारों की माने तो इसरो के जरिये उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजना अन्य देशों की तुलना में सस्ता और विश्वसनीय है। जहां के उपग्रह को अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित करने के लिए अमेरिका या रूस से 25 हजार डॉलर की लागत आती है वहीँ इसरो इसे मात्र 12 हजार डॉलर में भेज देता है। जिससे दुनिया भर की गूलग जैसी प्राइवेट कंपनियों के लिए इसरो पहली पसंद बनता जा रहा है।

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