इम्यून सिस्टम कमजोर होने के कारण बच्चे आसानी से आ रहे वायरस की चपेट में इसके लिए बड़े भी हैं जिम्मेदार

कोरोना का प्रकोप अभी कम नहीं है। बच्चे भी चपेट में आ रहे हैं। अलीगढ़ में अब तक जितने संक्रमित मिले, उनमें 10  फीसद  बच्चे भी हैैं।  इम्यून  सिस्टम कमजोर होने के कारण बच्चे आसानी से वायरस की चपेट में आ रहे हैं, इसके लिए  बड़े  भी जिम्मेदार हैं। अनलॉक में लोग लापरवाही  बरतकर  खुद के साथ बच्चों को भी खतरे में डाल रहे हैं। घर के बाहर ही नहीं, अंदर भी हाथों की सफाई व वस्तुओं के  सैनिटाइजेशन  को लेकर पहले जैसी सजगता नहीं रही। 

हमारी लापरवाही का परिणाम

345 संक्रमित पाए गए बच्चे

10  फीसद  बच्चे हैं अब तक संक्रमित हुए मरीजों में

03 से लेकर 15 साल तक के बच्चों पर कोरोना की मार ज्यादा ही है।

3500 से अधिक संक्रमित मिल चुके हैं जिले में

100 की रिपोर्ट लगभग रोज आ रही है पॉजिटिव

जिले का हाल

3473 संक्रमित मिल चुके हैं जिले में अब तक

2364 सही हो चुके हैं

29 लोगों की कोरोना से हो चुकी है मौत

1180  संक्रमितों  का चल रहा इलाज

430 मरीज होम आइसोलेशन में

750 मरीजों का अस्पतालों में चल रहा इलाज

इसलिए जरूरी है सावधानी

18 बच्चे लॉकडाउन में मिले थे संक्रमित।

53 बच्चे अनलॉक वन (तीन जून से तीस जून तक) में मिले संक्रमित।

82 बच्चे अनलॉक टू (एक जुलाई से 31 जुलाई तक मिले संक्रमित)

290 बच्चे अनलॉक टू के बाद अब तक मिल चुके हैं संक्रमित

ऐसे बढ़ा संक्रमण

-1 संक्रमित मिला था लॉकडाउन एक में (25 मार्च से 14 अप्रैल)

-43 हुई दूसरे लॉकडाउन (15 अप्रैल से तीन मई) में  संक्रमितों  की संख्या

-85 हुई तीसरे लॉकडाउन (4 से 17 मई) में  संक्रमितों  की संख्या

174 हुई चौथे लॉकडाउन (18 मई से दो जून) में  संक्रमितों  की संख्या

3203 मरीज लॉकडाउन के बाद मिले

क्या है वजह

-बाहर निकलते वक्त लोग मास्क का प्रयोग नहीं कर रहे

-बाजारों समेत सार्वजनिक स्थलों पर नहीं हो रहा शारीरिक दूरी का पालन ————

ये हैं वायरस के लक्षण

– खांसी, बुखार, थकान, सांस लेने में तकलीफ, कफ, मांसपेशी व सिर में दर्द, स्वाद-गंध की पहचान न होना, गले में खरास, चेहरा या  होठ  नीला पडऩा।

ये रखें ध्यान

– घर से निकलें तो चेहरे पर मास्क, रूमाल, स्कार्फ जरूर बांधे।

– मास्क को मुंह पर बांधकर नाक को खुला नहीं छोड़ें।

– दुकानों या अन्य सार्वजनिक स्थान पर किसी भी चीज को छूने से बचें।

– बाहर निकलने के बाद मास्क या चेहरे को बार-बार न छूएं।

– संभव हो तो बाहर भी हाथ  सैनिटाइज  करते रहें।

– लोगों से कम से कम दो गज की दूरी बनाए रखें।

– एटीएम का इस्तेमाल करने के बाद हाथ जरूर  सैनिटाइज  करें।

– बाहर से घर लौटें तो कोहनी से ही दरवाजा खोलने के प्रयास करें।

– बाहर से लौटकर सबसे पहले साबुन से हाथ धोएं।

घर के अंदर भी बरते सतर्कता

डॉ. मुकुल वाष्र्णेय, वरिष्ठ फिजीशियन का कहना है कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जितनी सतर्कता बाहर बरतने की जरूरत है, उतनी ही घर के अंदर भी है। स्कूल आदि बंद होने के कारण बच्चे तो घर पर ही है, फिर वे संक्रमित हो रहे हैं तो जाहिर  उन्हेंं   बड़ों  से ही संक्रमण मिल रहा है।  बड़ों  को अधिक सचेत रहने की जरूरत है। डॉ. आशा राठी, वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ का कहना है कि गर्भवतियों को संक्रमण से बचाने के लिए खास सावधानी बरतनी चाहिए। वे भी बाहर निकलने से परहेज करें। बाहर से आई वस्तुओं को बिना पानी से धुले या  सैनिटाइजेशन  के प्रयोग में न लाएं। घर के अंदर व बाहर सतर्कता बरतें।

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