अब नहीं बन पाएंगे ‘विकी डोनर’ क्योंकि स्पर्म में आ गया इबोला  

इबोलान्यूयॉर्क। इबोला वायरस, पीड़ित व्यक्ति के स्वस्थ होने के नौ महीने बाद भी उसके वीर्य में बचा रह सकता है। एक नए शोध के निष्कर्षो से पता चला है कि इसके वायरस से पीड़ित व्यक्ति के स्वस्थ होने के बाद भी उसकी निगरानी की जरूरत होती है।

इबोला का खतरा

यह शोध गिनी में नवंबर 2014 से दो सालों के लिए इस वायरस के पीड़ितों की निगरानी के दौरान किया गया। इसमें 700 से ज्यादा वयस्कों और बच्चों की निगरानी की गई, जो साल 2014 में पश्चिम अफ्रीका में गंभीर इबोला बीमारी से उबरने में कामयाब हुए थे।

उनके शरीर से निकलने वाले द्रवों (आंसू, थूक, मल, वीर्य, वैजाइनल फ्लूइड आदि) की हर तीन महीने पर जांच की गई।

इनमें से नौ वयस्कों में स्वस्थ होने के नौ महीने बाद भी इबोला वायरस पाए गए। यह शोध जर्नल ऑफ इंफेक्सस डिजीजेज में प्रकाशित हुआ है।

इन निष्कर्षो से अक्टूबर 2015 में न्यूजीलैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित सिएरा लियोन में जीवित बचे लोगों के एक समूह पर किए गए अध्ययन की भी पुष्टि होती है।

उन्होंने अपने शोध में इसके वायरस के प्रकोप से जीवित बचे व्यक्तियों को कंडोम के इस्तेमाल की सिफारिश की थी।

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