मेरठ : बेरोजगार योजना में भी निकाल लिया कमाई का जुगाड़

आर्य योजनामेरठ। केन्द्र सरकार की आर्य योजना में घपला होने का मामला प्रकाश में आया है। मेरठ कृषि विश्‍वविद्यालय के बघरा कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारियों पर अधिक कीमत पर घटिया क्वालिटी के उपकरण खरीदने का आरोप लगाया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य बेरोजगार युवाओं को रोजगार मुहैया कराना था। साथ ही उन्हें रोजगार से सम्बंधित उपकरण भी उपलब्ध कराया जाना था।

आर्य योजना में घपले का आरोप

किसानों का कहना है कि आर्य योजना मधुमक्खी पालन के लिए किसानों को जो उपकरण दिए गये हैं उन्हें चार से पांच गुना अधिक कीमत पर खरीदा गया है।  इन उपकरणों की क्वालिटी बेहद खराब है। किसानों ने इसकी शिकायत केंद्रीय राज्यमंत्री से की। मंत्री ने राजभवन और कुलपति को पत्र लिखकर पूरे मामले से अवगत कराया। कुलपति डॉ. गया प्रसाद ने जांच के लिए कमेटी का गठन कर दिया है।

किसानों के मुताबिक इस मामले में करीब सात लाख के उपकरण खरीद में गड़बड़ी की गई है। यह प्रोजेक्ट केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान ने कृषि विज्ञान केंद्र बघरा (मुजफ्फरनगर) को दिया था। प्रोजेक्ट प्रभारी डॉ. पीके सिंह की देखरेख में शुरू किया गया। बेरोजगार युवाओं को मधुमक्खी पालन, डेयरी पालन, शूकर पालन आदि से जोड़ा गया।

वैज्ञानिकों ने कुटबा और कुटबी गांव के युवाओं को प्रशिक्षित किया और उन्हें उपकरण मुहैया कराए। 21 किसानों को बी बॉक्स, वेइंग मशीन, पेकिंग के सामान समेत 20 उपकरण दिए गए। आरोप हैं कि इन उपकरणों की क्वालिटी बेहद खराब थी। कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारियों और टेंडर में शामिल अधिकारियों ने मिलीभगत से ऐसी फर्म को टेंडर दिया, जिसने चार से पांच हजार रुपए के सामान को चार से पांच गुना महंगा दिया।

तकनीकी समिति ने पास किया टेंडर

कृषि विवि की तकनीकी समिति ने यह टेंडर पास किया है। समिति के सदस्य भी जांच के घेरे में हैं। नियमानुसार समिति को पूरी जांच पड़ताल के बाद ही टेंडर की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।

जांच टीम को भी मिली खामियां

कुलपति ने जांच कमेटी का अध्यक्ष डॉ. एसके सचान, सदस्य डॉ. बीआर सिंह, कमल खिलाड़ी, एसएन पांडेय को बनाया। कमेटी दो दिन पहले किसानों के पास गई थी। वहां पर उपकरण भी देखे और पूरे मामले की जांच की। विवि के सूत्रों का कहना है कि कमेटी को काफी कमियां मिली हैं। उपकरण बेहद खराब हैं। मामले में केवीके के अधिकारी और विवि के कुछ अधिकारियों पर कार्रवाई तय है। कमेटी जल्द ही कुलपति को रिपोर्ट देगी।

प्रस्तुति :- आदेश कुमार

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