आर्टिफिशियल आइलैंड पर चीन ने उतारा मिलिट्री प्लेन

South-China-Sea-Artificial-Island_5714a0f72b521एजेंसी/ बीजिंग : अब चीन ने दक्षिणी चीन सागर के कंट्रोवर्शियल आइलैंड में मिलिट्री प्लेन उतार कर विवाद खड़ा कर दिया है। यह जानकारी चीन की मीडिया द्वारा दी गई। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को डर है कि चीन इसका उपयोग फाइटर जेट का बेस बनाने के लिए कर सकता है। इस कृत्रिम आइलैंड को बनाए जाने का अमेरिका भी हमेशा विरोध करता रहा है।

निगरानी के परिप्रेक्ष्य से अमेरिका कई बार अपनी वॉरशिप यहां भेज चुका है। इस एरिया पर वियतनाम, ताइवान, मलेशिया, ब्रुनेई, फिलिपींस जैसे देश अपना दावा करते है। मिलिट्री हलचल से इन देशों के साथ चीन का तनाव बढ़ सकता है। पिछले एक साल से चीन यहां रनवे तैयार कर रहा है, जिसकी लंबाई करीब 300 मीटर है।

पीएलए के ऑफिशियल न्यूज पेपर के फ्रंट पेज पर भी इस लैंडिंग की खबर को छापा गया था। रविवार को साउथ चाइना सी के ऊपर पैट्रोलिंग कर रहे एक मिलिट्री एयरक्राफ्ट को फेयरी क्रॉस रीफ पर लैंडिंग की इमरजेंसी कॉल मिली। तीन बीमार वर्कर्स को निकालने के लिए ये लैंडिंग करवाई गई।

मिलिट्री एयरक्राफ्ट से इन्हें इलाज के लिए हेनान आइलैंड पहुंचाया गया। आइलैंड पर खड़े एक एयरक्राफ्ट की फोटो भी छापी गई है। बनाया जा रहा एयरफील्ड इतना लंबा है कि यहां लॉन्ग रेंज बॉम्बर जेट और ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के अलावा चीन के आधुनिक जेट भी लैंड और टेकऑफ कर सकते हैं।

साउथ चाइना सी के रास्ते हर साल 5 ट्रिलियन डॉलर का व्यापार होता है। इस इलाके पर दावा करने का एक कारण यह भी है कि यहां एनर्जी रिसोर्सेज की मात्रा बहुतायत है। चीन ने 2013 के आखिर में एक बड़ा प्रोजेक्ट चलाकर पानी में डूबे इस रीफ एरिया को आर्टिफिशियल आइलैंड में बदल दिया।

चीन का कहना है कि यह काम लीगल नहीं है। पिछले साल सितंबर में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ मीटिंग में शी जिनपिंग ने कहा था कि वे इस इलाके में सेना तैनात नहीं करना चाहते। वहीं, अमेरिका का कहना था कि चीन यहां मिलिट्री एक्टिविटीज बढ़ा रहा है।

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