अब आरके चौधरी ने छोड़ी बसपा, बोले-पार्टी बन गई रियल स्टेट कंपनी
लखनऊ। बीएसपी सुप्रीमो मायावती को एक और झटका लगा है। 22 जून स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद पार्टी के संस्थापक सदस्य आरके चौधरी ने इस्तीफा दे दिया। वह इससे पहले भी करीब 12 साल के लिए बीएसपी छोड़ कर जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि पार्टी की दोहरी नीतियों और बदलती कार्यप्रणाली के चलते उन्होंने बीएसपी छोड़ी है।
आरके चौधरी का मायावती पर हमला
आरके चौधरी ने कहा, बसपा अध्यक्ष मायावती की लगातार बदलती कार्य प्रणाली से तंग आकर मैंने बहुजन समाज पार्टी छोड़ दिया है। बहुजन समाज पार्टी अब सामाजिक परिर्वतन का आन्दोलन नहीं रह गया। मायावती ने इसे निजी ‘‘रियल स्टेट कम्पनी‘‘ बना डाला है। वह अब पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं की बात नहीं सुनतीं, चाटुकारों के कहने पर उल्टे सीधे फैसले करती रहती हैं। महात्मा फूले, डा अम्बेडकर और कांशीराम जी के अनुयायी कार्यकर्ताओं में इस बात की बैचेनी है कि बहन जी पार्टी के भविष्य को अन्धकार में झोंक कर धन उगाही में क्यों जुट गयी हैं।
उन्होंने कहा कि गलत नीतियों और बिगड़ती कार्यशैली के कारण देश भर में पार्टी का ग्राफ दिनों दिन गिरता जा रहा है। पार्टी के तमाम अच्छे मिशनरी नेताओं ने आरोप लगाया और पार्टी छोडी लेकिन मायावती में कोई सुधार होते नहीं दिख रहा है। उन्होंनेे कहा कि ‘कांशीराम जी एक बार खुद कह चुके हैं कि मायावती को पैसा बटोरने की हवस है।’
चौधरी ने कहा कि कांशीराम ने अपना पूरा जीवन लगाकर भारत में सामाजिक परिवर्तन का बडा आन्दोलन खडा कर दिया था। अब उनके आन्दोलन को चलाना भर रह गया था। लेकिन मायावती ने सामाजिक परिवर्तन के उस आन्दोलन को मटियामेट कर दिया।
बीएसपी के प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर ने कहा कि पार्टी में स्वार्थी किस्म के लोगों के लिये कोई जगह नहीं है। आरके चैधरी के जाने से न तो पहले पार्टी पर कोई प्रभाव पड़ा था और ना ही अब कोई प्रभाव पड़ने वाला है। वह संगठन में काम करने का वायदा करके आए थे, जिसे तोड़कर वह लोकसभा चुनाव हारने के बाद विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते थे।