पीएम मोदी को सबसे बड़ा सरदर्द देगी ममता सरकार, आरएसएस पर लगेगा पूर्ण प्रतिबंध!

आरएसएस पर प्रतिबंधकोलकाता| पश्चिम बंगाल की संयुक्त अल्पसंख्यक परिषद ने गुरुवार को राज्य सरकार से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की अपील की है। अल्पसंख्यक परिषद ने आरएसएस पर राज्य में शांति भंग करने और सांप्रदायिक दंगे भड़काने का आरोप लगाया है।

आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की मांग

अल्पसंख्यक परिषद के महासचिव शब्बीर अली आजाद ने एक वक्तव्य जारी कर कहा, “आरएसएस में देश में मौजूद प्रेमपूर्ण माहौल को नष्ट करने की कोशिश कर रहा है। हमें ऐसी खबरें मिली हैं कि उत्तर प्रदेश, बिहार और अन्य राज्यों से आरएसएस के 5,000 से 6,000 कार्यकर्ता दंगे भड़काने के उद्देश्य से पश्चिम बंगाल में आए हैं।”

उन्होंने कहा, “हम राज्य सरकार से आरएसएस जैसे संगठन पर पूर्व प्रतिबंध लगाने की मांग करते हैं।”

आजाद ने कहा, “आरएसएस ने देश के स्वतंत्रता संघर्ष में हिस्सा नहीं लिया। इसकी बजाय उनके कार्यकर्ता आजादी से पहले ब्रिटिश शासन के एजेंट के रूप में काम करते रहे। आज की तारीख तक उनका एकमात्र उद्देश्य ध्रुवीकरण के जरिए देश और देशवासियों को बांटना ही रहा है।”

हाल ही में राम नवमी और हनुमान जयंती के अवसर पर सश जुलूस निकालने की आलोचना करते हुए ऑल बंगाल माइनॉरिटी यूथ फेडरेशन के महासचिव मोहम्मद कमरुजमान ने कहा कि हथियार दिखाकर अल्पसंख्यक समुदाय को डराया नहीं जा सकता।

कमरुजमान ने कहा, “कुछ लोग सोच रहे हैं कि वे हथियार लहराकर देश के अल्पसंख्यक समुदाय को डरा देंगे। उन्हें पता होना चाहिए मुस्लिम समुदाय इससे नहीं डरता। हम देश में शांति और सौहार्द के पक्षधर हैं।”

उन्होंने कहा कि देश में सांप्रदायिक ताकतों को रोकने का दायित्व धर्मनिरपेक्ष लोगों पर है, जिनमें हिंदू और मुस्लिम दोनों शामिल हैं।

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