यूपी विधानसभा चुनाव पर रणनीति बनाने के लिए आरएसएस तैयार

आरएसएसकानपुर | आगामी यूपी विधानसभा चुनाव को देखते हुए आरएसएस के प्रांतीय प्रचारकों की सालाना बैठक इस बार कानपुर में हो रही है. चुनाव से ठीक पहले हो रही इस बैठक को संघ के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इस बैठक में 2014 के लोकसभा चुनावों में अहम भूमिका निभाने वाले सुरेश सोनी को यूपी चुनावों में अहम जिम्मेदारी मिल सकती है. ऐसा माना जा रहा है कि पिछले दो सालों से संघ से छुट्टी पर चल रहे सहकार्यवाहक सुरेश सोनी का वनवास इस बैठक में खत्म हो सकता है.

इससे पहले 2014 में लोक सभा चुनाव के परिणाम तक सुरेश सोनी संघ के सबसे सक्रिय अधिकारी थे, मोदी सरकार बनने के बाद उन्होंने संघ से छुट्टी ले ली लेकिन सह कार्यवाहक के पद पर बने रहे. अब जब यूपी चुनाव सामने है तो संघ एक बार फिर सुरेश सोनी का वनवास खत्म करके उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंप सकता है, यानि सुरेश सोनी एक बार फिर अपनी सक्रियता दिखा सकते हैं.

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41 प्रांतो के प्रचार प्रमुख पहुँच चुके हैं
आरएसएस के प्रांत प्रचार प्रमुख मोहन अग्रवाल ने बताया कि 11 जुलाई से बिठूर में प्रांत प्रचारक वर्ग की बैठक में शामिल होने के लिये संघ प्रमुख मोहन भागवत और सर कार्यवाहक भैय्या जी जोशी कानपुर पहुंच चुके हैं. प्रांत प्रचारकों का आना आज भी जारी है करीब 41 प्रांतो के प्रचार प्रमुख आ चुके है. इस बैठक का आयोजन शहर के बाहर बिठूर में एक निजी इंजीनियरिंग कालेज कैम्पस में किया गया है.
छह दिन चलेगा शिविर
गंगा किनारे आरएसएस के इस बड़े शिविर में प्रांत प्रचारकों का छह दिनों का प्रशिक्षण शिविर चलेगा. इस कार्यक्रम में संघ के सभी प्रांत प्रचारक और सह प्रांत प्रचारक हिस्सा ले रहे है. प्रांत प्रचारकों की ये बैठक हर 5 साल पर होती जो इस बार तीन दिनों के इस समर ट्रेनिंग कैंप के साथ ही हो रही है.

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साल2011में हुआ था पिछला चिंतन शिविर
इसके पहले प्रांत प्रचारकों का चिंतन शिविर कानपुर में साल 2011 में हुआ था. उस समय भी यह शिविर साल 2012 में हुए यूपी विधानसभा चुनाव के पहले हुआ था. लेकिन साल 2012 में यूपी विधानसभा में बीजेपी को मुंह की खानी पड़ी थी, जबकि सूबे में सपा की सरकार बनी थी. सूत्रों के मुताबिक, 2011 में हुए चिंतन शिविर में साल 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के नाम की मोहर लगा दी गई थी. ऐसे में इस बार भी यह चिंतन शिविर यूपी विधानसभा के ठीक पहले किया जा रहा है.

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