आयोग के सदस्य ने बैठकों में शामिल होने से किया इनकार

चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष अमित अड़ शाह को क्लीन चिट देने पर अपनी असहमति के कारण के आदर्श आचार संहिता से संबंधित बैठकों से खुद को दूर रखने का निर्णय लिया है एक पत्र में उन्होंने कहा है किल्पसंख्यक निर्णयों को रिकॉर्ड नहीं किया जा रहा है इसलिए वे पूर्ण आयोग की बैठकों से दूर रहने के लिए मजबूर हैं।

उन्होंने इसी महीने के पहले सप्ताह से आदर्श आचार संहिता से संबंधित सभी बैठकों से खुद को दूर रख लिया है। लवासा ने अपने पत्र में जोर देकर कहा कि वे बैठकों में तभी शामिल होंगे जब उनके अल्पसंख्यक निर्णयों को आयोग के निर्णयों में शामिल किया जाए।

इस खबर को कांग्रेस ने हथियार बनाते हुए आरोप लगाया कि इस सरकार में संस्थाओं की गरिमा धूमिल हुई है।

कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि, ‘चुनाव आयोग है या चूक आयोग। लोकतंत्र के लिए एक और काला दिन। चुनाव आयोग के सदस्य ने बैठकों में शामिल होने से इनकार किया। जब चुनाव मोदी-शाह जोड़ी को क्लीनचिट देने में व्यस्त था तब लवासा ने कई मौकों पर असहमति जताई।”

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सुरजेवाला ने कहा कि, ”संस्थागत गरिमा धूमिल करना मोदी सरकार की विशेषता है। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश सार्वजनिक तौर पर बयान देते हैं, रिजर्व बैंक के गवर्नर इस्तीफा देते हैं, सीबीआई निदेशक को हटा दिया जाता है। सीवीसी खोखली रिपोर्ट देता है। अब चुनाव आयोग बंट रहा है।”

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