आयुष्मान स्वास्थ्य कार्ड के भरोसे इलाज की उम्मीद से आए लेकिन…

आयुष्मान स्वास्थ्य कार्ड लेकर पत्नी का उपचार कराने बरेली गए ग्रामीण को मुफ्त में उपचार की सुविधा नहीं मिलने पर पत्नी के गहने बेचने पड़े। इतना ही नहीं ग्रामीण को दो परिचितों से एक लाख रुपये उधार भी मांगने पड़े।
आयुष्मान स्वास्थ्य कार्ड

तल्लीसार खतीगांव निवासी गोविंद सिंह की पत्नी 64 वर्षीय खीमा देवी को हृदय में दर्द की शिकायत पर परिजन बीती चार फरवरी को पिथौरागढ़ जिला अस्पताल लाए। चिकित्सकों ने हालत गंभीर देखते हुए उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया और बरेली के एक अस्पताल ले जाने की सलाह दी।

अस्पताल में जाते ही 15 हजार फीस भरने को कहा गया

लोगों द्वारा स्वास्थ्य कार्ड के जरिए मुफ्त इलाज होने की सलाह देने पर गोविंद सिंह पांच हजार रुपये में एक वाहन बुक कराकर बरेली ले गए। गोविंद सिंह ने बताया कि अस्पताल में जाते ही उनसे 15 हजार रुपये की फीस भरने को कहा गया। जब उन्होंने पैसे नहीं होने और मुफ्त उपचार के लिए स्वास्थ्य कार्ड दिखाया तो अस्पताल प्रबंधन ने इस कार्ड से अस्पताल में उपचार नहीं होने की बात कह दी।
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गोविंद सिंह के अनुसार, डॉक्टरों ने उनकी पत्नी का जीवन बचाने के लिए केवल दो घंटे बचे होने की बात कहकर कहीं और ले जाने की सलाह दी। कोई रास्ता नहीं देखकर किसी परिचित को फोनकर 50 हजार रुपये मंगाए और 15 हजार रुपये की फीस भरी। इसके बाद उनकी पत्नी का उपचार शुरू हुआ।

भर्ती करने के दूसरे दिन फिर 50 हजार जमा करने को कहा

भर्ती करने के दूसरे दिन ही फिर 50 हजार रुपये जमा करने को कहा तो फिर एक रिश्तेदार 50 हजार रुपये की रकम दे गया। इसके बाद उनसे फिर 50 हजार रुपये की मांग की गई तो कोई रास्ता बचा नहीं होने से पत्नी के दो तोले के कर्णफूल बेचे इसके बाद अस्पताल की रकम चुकाई। गोविंद सिंह ने बताया कि पिथौरागढ़ जिला अस्पताल में भी उनसे सभी दवाइयां बाहर से मंगाई और ईसीजी भी प्राइवेट में कराया गया।

स्वास्थ्य कार्ड से देश और प्रदेश के चुनिंदा अस्पतालों में मुफ्त उपचार की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। सूची में शामिल होने के बावजूद कार्डधारक से यदि रुपये लिए गए हैं तो शिकायत मिलने पर इसकी रिपोर्ट प्रदेश स्तर पर भेजी जाएगी।

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