आयुर्वेद : किसी संजीवनी से कम नहीं है तुलसी का पौधा, इन समस्याओं में है काफी असरदार

तुलसी एक औषधीय पौधा है औऱ इशमें प्रचुर मात्रा में विटामिन और खनिज पाए जाते हैं। तुलसी कई रोगों को जड़ से दूर करने और शारीरिक शक्ति को बढ़ाने वाले गुणों से भरपूर हैं। इस औषधीय पौधे को प्रत्यक्ष देवी के तौर पर माना जाता है। कई जगहों पर तुलसी का पूजन भी होता है। तुलसी के धार्मिक महत्व के कारण ही सभी घरों के आंगन में यह पौधा पाया जाता है। तुलसी की कई प्रजातियां भी होती हैं जिसमें श्वेत व कृष्ण प्रमुख हैं। इन्हें आमतौर पर रामा तुलसी औऱ कृष्णा तुलसी या श्यामा तुलसी के नाम से जाना जाता है।

चरक संहिता और सुश्रुत संहिता में तुलसी के कई गुणों का वर्णन मिलता है। इसमें तुलसी के गुणों के बारे में विस्तार से जानकारी भी उपलब्ध है। तुलसी का पौधा आमतौर पर 30 से 60 सेमी तक ऊंचा होता है। इसका पुष्पकाल और फलकाल जुलाई से अक्टूबर के बीच होता है। इसके फूल छोटे सफेद औऱ बैंगनी रंग के होते हैं। औषधीय दृष्टि से तुलसी की पत्तियां ज्यादा गुणकारी मानी जाती हैं। वहीं तुलसी की पत्तियों की तरह ही इसके बीज के भी फायदे अनगिनत होते हैं। आप तुलसी के बीच और पत्तियों के चूर्ण का भी प्रयोग कर सकते हैं। इन पत्तियों से कफ वात दोष कम होता है। इसी के साथ पाचन शक्ति औऱ भूख बढ़ती है। यही नहीं रक्त को शुद्ध करने में भी तुलसी काफी लाभदायक होती है।

तुलसी के पत्ते बुखार, दिल से जुड़ी बीमारी, पेट दर्द, मलेरिया और बैक्टीरियल संक्रमण को कम करने में भी फायदेमंद है। तुलसी का रोजाना सेवन मस्तिष्क का कार्यक्षमता को बढ़ाता है। यादाश्त को तेज करता है। लिहाजा रोजाना तुलसी की 4-5 पत्तियों को पानी के साथ निगल लेना चाहिए। कई बार ज्यादा तनाव और काम के भार से सिरदर्द होना आम बात हो चली है। अक्सर लोग सिर दर्द की समस्या से परेशान नजर आते हैं। ऐसे में आप तुलसी के तेल की एक-दो बूंदों को नाक में डाले। इससे आपका पुराने से पुराना सिरदर्द और उससे जुड़ी अन्य समस्या का समाधान मिल जाएगा। यही नहीं अगर आप साइनसाइटिस या पीनसरोग से परेशान है तो भी तुलसी आपके लिए लाभदायक है। तुलसी की पत्तियां या मंजरी को मसलकर सूंघने से आपको लाभ मिलता है।

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