फिर खाली होगी जेब, लुट जाएगा सारा खजाना, मोदी सरकार देगी 2017 का सबसे घातक झटका!

आम आदमी के लिएनई दिल्ली। अब आम आदमी के लिए हवाई जहाज से सफर करना, महंगे रेस्त्रां में खाना और इसी प्रकार की अन्य सेवाओं का उपभोग करना आसान नहीं होगा। इसके लिए उनकी जेब पर पड़ने वाला बोझ में बढ़ोतरी होने वाली है। आगामी बजट में मोदी सरकार नये वस्तु एवं सेवा कर प्रणाली को लागू करने की तैयारी में हैं। इसके साथ ही वित्त वर्ष 2017-18 में सेवा करों की दरों को भी 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 16 से 18 प्रतिशत कर सकते हैं।

बता दें कि केंद्र सरकार का जीएसटी एक जुलाई 2017 से लागू करने का लक्ष्य है। इसके लागू होने से केंद्र और राज्य सरकार की ओर से लगाए जाने वाले तमाम अप्रत्यक्ष कर इसमें समाहित हो जाएंगे। पुरानी प्रथाओं को तोड़ते हुए आम बजट इस बार बुधवार को पेश किया जाएगा। वहीं बजट और वित्त विधेयक पारित कराने की प्रक्रिया नये वित्त वर्ष शुरू होने से पहले ही पूरी कर ली जाएगी।

नये जीएसटी में कर की दरों को 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत के चार स्तरों पर रखने का निर्णय किया गया है। कर विशेषज्ञों का मानना है कि सेवा कर की दर को इन चारों में से किसी एक के भी नजदीक रखना तर्कसंगत होगा। इस समय सेवा कर की मुख्य दर 15 प्रतिशत है ऐसे में इसे 16 प्रतिशत के स्तर के करीब ले जाया जाना स्वाभाविक माना जाएगा।

पिछले बजट में भी वित्त मंत्री ने सेवा कर की दर को 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 15 प्रतिशत किया था। हांलाकि कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि विभिन्न सेवाओं को अलग अलग दरों के साथ रखा जा सकता है। ऐसे में आम लोगों के इस्तेमाल की सेवाओं पर 12 प्रतिशत और अन्य पर 18 प्रतिशत की दर तय की जा सकती है।

पिछले बजट में देश को सेवा कर से 2.31 लाख करोड़ रुपये की आय प्राप्ति का अनुमान लगाया गया है। यह केंद्र सरकार के कुल 16.30 करोड़ रुपये के कर राजस्व के बजट अनुमान का 14 प्रतिशत है। ऐसे में अगर वित्त मंत्री अरुण जेटली सेवाकर बढाते हैं तो यह उनकी आरे से तीसरी वृद्धि होगी।

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