राज्यसभा में अाधार कार्ड की अनिवार्यता को लेकर हंगामा

आधार कार्डनई दिल्ली: राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों ने गरीबी रेखा से नीचे रह रहे लोगों (बीपीएल) के लिए सरकारी लाभ पाने के उद्देश्य से आधार कार्ड अनिवार्य बनाने के केंद्र सरकार के रुख का विरोध किया। सांसदों ने इस मुद्दे पर हंगामा किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही बाधित हुई।

आधार कार्ड मुद्दे पर नारेबाजी

तृणमूल कांग्रेस, वामपंथी, जनता दल (युनाइटेड), समाजवादी पार्टी (एसपी) और बीजू जनता दल (बीजद) के सदस्यों ने सदन की कार्यवाही शुरू होते ही इस मुद्दे को उठाया।

समाजवादी पार्टी (सपा) के रामगोपाल यादव ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्यों से सिर्फ उन लोगों को ही सब्सिडी देने को कहा था जिनके पास आधार कार्ड है। यादव ने कहा, “केंद्र ने बिना आधार कार्ड वालों को सब्सिडी नहीं देने को कहा है। देश में 40 प्रतिशत लोगों के पास आधार कार्ड नहीं हैं।”

टीएमसी नेता डेरेक ओब्रायन ने कहा कि केंद्र इस मुद्दे पर राज्यों से परामर्श नहीं कर रही है। बीजद सदस्य दिलीप कमार तिर्की ने कहा, “उड़ीसा में 20 प्रतिशत लोगों के पास आधार कार्ड नहीं हैं। यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।”

केंद्रीय मंत्री एम.वेंकैया नायडू सदस्यों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर जवाब देने के लिए खड़े हुए, लेकिन विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी।नायडू ने कहा कि विपक्ष इस मुद्दे का राजनीतिकरण करना चाहता है और जवाब नहीं चाहता। हंगामे के बीच ही उन्होंने कहा कि आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है।

नायडू ने कहा, “हम तब तक इसे अनिवार्य नहीं कर सकते जब तक हर किसी के पास आधार कार्ड नहीं हो जाता।”

उन्होंने कहा, “हम संसद में मुद्दे उठाते हैं, ताकि जवाब तलाशे जा सकें। उन्होंने प्रासंगिक मुद्दा उठाया है। मुझे नहीं लगता कि जब आधार से संबंधित सभी काम पूरे हो जाएंगे तो इसे प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) से जोड़ने में किसी को समस्या हो सकती है। डीबीटी समय की जरूरत है, इससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो जाएंगे।”

विपक्षी सदस्य इस मुद्दे को लेकर सभापति की आसंदी के पास जमा हो गए और नारेबाजी शुरू कर दी। उपसभापति पी.जे.कुरियन ने मंत्री के जवाब के बाद भी विपक्षी सदस्यों के इस रवैये को ‘अनुचित’ करार दिया।

कुरियन ने दोपहर 12 बजे तक सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। इसके बाद जब प्रश्नकाल के लिए सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई तब भी हालात समान ही थे।

नायडू ने विपक्ष पर मुद्दे के राजनीतिकरण का आरोप लगाया। हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही पहले 15 मिनट और फिर दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

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