दुनिया झेल रही है आतंकवाद, मिलकर लड़ना होगा

आतंकवाद का सामनानई दिल्ली| भारत ने ‘आतंकवाद के संबंध में शून्य सहिष्णुता’ का वैश्विक लक्ष्य पाने के लिए दुनियाभर के देशों में कानून व्यवस्था मजबूत बनाने की बात कही है, जिससे आतंकवादियों पर प्रभावी ढंग से मुकदमे चलाए जा सकें। साथ ही आतंकवाद का सामना डटकर किया जा सके।

आतंकवाद का सामना करने की जरूरत

भारत के स्थायी प्रतिनिधि सईद अकबरुद्दीन ने सोमवार को कहा, “बीते कई दशकों से आतंकवाद से पीड़ित रहने की वजह से हम इस खतरे की प्रकृति और आतंकवाद का सामना करने के लिए एक सामूहिक अंतर्राष्ट्रीय प्रयास की अहम जरूरत से भी वाकिफ हैं।”

यूएन काउंटर-टेरेरिज्म सेंटर (यूएनसीसीटी) एडवाइजरी बोर्ड की बैठक में अकबरुद्दीन ने कहा कि आतंकवाद का सामना करने के लिए कानून व्यवस्था को मजबूत करना बहुत अहम है और अन्य यूएन एजेंसियों के साथ काम कर रहा यूएनसीसीटी सदस्यीय देशों की आतंकवाद का प्रभावी ढंग से सामना करने के लिए उनकी क्षमता विकसित करने और आतंकवादी गतिविधियों को कानून के कठघरे में खड़ा करने में मदद कर सकता है।

उन्होंने 100 से ज्यादा देशों के विदेशी आतंकवादी लड़ाकों का जिक्र करते हुए कहा कि यूएनसीसीटी को इनसे प्रभावित इलाकों की हिफाजत के लिए अपने काम में और विस्तार करना चाहिए।

अकबरुद्दीन ने दक्षिण एशिया में युवा कौशल विकास व रोजगार सरलीकरण की यूएनसीसीटी की परियोजनाओं का भी स्वागत किया।

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