राष्ट्रपति पद नहीं ये है आडवाणी की एकमात्र इच्छा, अब खून के आंसू रोएगा पाकिस्तान!

आडवाणीनई दिल्‍ली। बीजेपी के वरिष्‍ठ नेता लालकृष्‍ण आडवाणी को आज अपनी जन्‍मभूमि यानि पाकिस्‍तान के सिंध प्रांत की कमी भारत में  महसूस होने लगी है। प्रजापति ब्रह्म कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के संस्थापक आध्यात्मिक गुरू पिताश्री ब्रह्मा के 48वें अधिरोहण समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने इस बात पर खेद प्रकट किया कि कराची, भारत का हिस्सा नहीं है और सिंध के बिना भारत अधूरा लगता है।

मालूम हो कि आडवाणी का जन्म एक सिंधी परिवार में हुआ था। उन्होंने कहा, कभी-कभी मैं महसूस करता हूं कि कराची और सिंध अब भारत का हिस्सा नहीं रहे। मैं बचपन के दिनों में सिंध में आरएसएस में काफी सक्रिय था। मेरा मानना है कि सिंध के बिना भारत अधूरा है।

आडवाणी ने सुझाव देते हुए कहा कि आरएसएस को अधिक संख्या में महिलाओं को शामिल करना चाहिए। महिलाओं को शामिल करने पर ‘प्रजापति ब्रह्मकुमारी’ संगठन की प्रशंसा करते हुए उन्‍होंने कहा कि वे चाहते हैं कि लोग और आरएसएस इसका अनुसरण करें ।

भाजपा नेता का कहना है कि  मैंने ऐसा कोई संगठन नहीं देखा है जिसका नेतृत्व मुख्य रूप से महिलाएं करती हैं । यह अद्भुत है । मैं एक संगठन से वर्षो से जुड़ा रहा हूं और सम्मान करता हूं । मुझसे जो कोई मिलने आता है, उन्हें उस संगठन का अनुसरण करने को कहता हूं । उनका मानना है कि यह काफी कठिन है, आसान नहीं है। जिस संगठन की मैं बात कर रहा हूं, वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ है जिसमें मुख्य रूप से बालपन में लड़के शामिल होते हैं। वहां महिलाओं की भी थोड़ी उपस्थिति है ।

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