आज का पंचांग, आप का दिन मंगलमय हो, दिनांक -09 अक्टूबर, 2016, दिन – रविवार
रविवार के दिन तेल मर्दन (मालिश) करने से ज्वर सम्भावना होती है। (मुहूर्तगणपति)
रविवार के दिन क्षौरकर्म (बाल – दाढी काटने या कटवाने ) से धन, बुद्धि और धर्म की हानि होती है। (महाभारतअनुशासनपर्व )
विक्रम संवत् – 2073
संवत्सर – सौम्य तदुपरि साधारण
शक – 1938
अयन – दक्षिणायन
गोल – दक्षिण
ऋतु – शरद
मास – आश्विन
पक्ष – शुक्ल
तिथि – अष्टमी
नक्षत्र – हस्त
योग– अतिगण्ड
दिशाशूल – रविवार को पश्चिम दिशा का दिशाशूल होता है यदि यात्रा अत्यन्त आवश्यक हो तो तिल का सेवनकर प्रस्थान करें।
राहुकाल (अशुभ) – शाम 04:13 बजे से 05:40 बजे तक।
सूर्योदय – प्रातः 06:02।
सूर्यास्त – सायं 06:06।
पर्व त्यौहार– शारदीय नवरात्रि, अष्टमी।
नवरात्रि में दुर्गासप्तशती का पाठ करना चाहिए।
अगर दुर्गासप्तशती का पाठ न कर सके तो “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे” मन्त्र का कम् से कम 108 बार जप अवश्य करें।
प्रत्येक नवरात्रि में यज्ञपवीत नये धारण करना चाहिए।
नौ दिनों तक नाखून नहीं काटने चाहिए।
इस दौरान खाने में प्याज, लहसुन और निरामिष ( नॉन वेज) बिल्कुल न खाएं।
नौ दिन का व्रत रखने वालों को काले कपड़े नहीं पहनने चाहिए।
व्रत रखने वाले लोगों को बेल्ट, चप्पल-जूते, बैग जैसी चमड़े की चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
व्रत में नौ दिनों तक खाने में अनाज और नमक का सेवन नहीं करना चाहिए।
खाने में दूध , कुट्टू का आटा, समारी के चावल, सिंघाड़े का आटा, सेंधा नमक, फल, आलू, मेवे, मूंगफली खा सकते हैं।
विष्णु पुराण के अनुसार, नवरात्रि व्रत के समय दिन में सोने, तम्बाकू चबाने और शारीरिक संबंध बनाने से भी व्रत का फल नहीं मिलता है।
नवरात्र पर जागरण
नवरात्र पर उत्तम जागरण वह है, जिसमें
(1) शास्त्र-अनुसार चर्चा हो।
(2) दीपक हो।
(3) भक्तिभाव से युक्त माँ का कीर्तन हो।
(4) वाद्य, ताल आदि से युक्त सात्त्विक संगीत हो।
(5) प्रसन्नता हो।
(6) सात्त्विक नृत्य हो, ऐसा नहीं कि डिस्को या अन्य कोई पाश्चात्य नृत्य किया।
(7) माँ जगदम्बा पर नजर हो, ऐसा नहीं कि किसी को गंदी नजर से देखें।
नवरात्र का व्रत सभी मनुष्यों को नियमित तौर पर करना ही चाहिये। जिससे घर में सुख, शांति, बरकत व मधुरता आती है। आध्यात्मिकता का प्रादुर्भाव होता है । घर की बाधाएँ व क्लेश दूर होते हैं। अपने जीवन में व्यक्तित्व और चरित्र के निर्माण होता है। आपसी जीवन में प्रेम और समन्वय बढ़ता है।