आजमगढ़ से अखिलेश यादव वही रामपुर से आजम खां लड़ेंगे चुनाव

लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी व राष्ट्रीय लोकदल के साथ गठबंधन करने वाली समाजवादी पार्टी ने आज अपने दो कद्दावर नेताओं को भी लोकसभा के चुनावी समर में उतार दिया है। वही समाजवादी पार्टी की आज जारी सूची में पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ वरिष्ठ नेता आजम खां का भी नाम है।

अखिलेश

बता दें की अखिलेश यादव अपने पिता तथा पार्टी के सरंक्षक मुलायम सिंह यादव की सीट आजमगढ़ तथा आजम खां रामपुर से चुनाव में मैदान में उतरेंगे। जहां आज इसकी आधिकारिक घोषणा कर दी गई है। वही सपा के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मंत्री आजम खां रामपुर लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरेंगे।

रिपोर्ट में हुआ खुलासा! सिर्फ यूपी में 14 हजार बच्चे टीबी की चपेट में…

देखा जाये तो इससे पहले खबरें थीं कि समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अगला लोकसभा चुनाव अपनी पत्नी की सीट कन्नौज से लड़ सकते हैं। मगर अब समाजवादी पार्टी ने ऐसी खबरों पर से विराम लगा दिया है और अब यह तय हो गया है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव आजमगढ़ से ही चुनाव लड़ेंगे।

दरअसल आजमगढ़ से अभी मुलायम सिंह यादव सांसद हैं। मुलायम सिंह यादव अबकी मैनपुरी से चुनाव मैदान में उतरेंगे। चंद रोज पहले ही अखिलेश यादव ने संकेत दे दिया था कि वह आजमगढ़ से लोकसभा के प्रत्याशी होंगे।

उन्होंने कहा था कि वहां की जनता की बेहद मांग है और वह इससे इन्कार नहीं करेंगे। उन्होंने इशारो-इशारों में आजमगढ़ से चुनाव लड़ने की बात कही थी।

अखिलेश का कहना है की मैं लोकसभा चुनाव लड़ूंगा, आजमगढ़ की जनता कहेगी तो वहां से लड़ूंगा। वो सीट मेरे घर जैसी है। अखिलेश यादव ने 2009 में कन्नौज सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। उन्होंने 2012 में मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद सीट छोड़ दिया था।आजमगढ़ से अखिलेश यादव के उतरने से यहां लड़ाई मजबूत होनी तय है।

मोदी लहर के बावजूद 2014 में अखिलेश के पिता मुलायम सिंह यादव ने इस सीट से जीत दर्ज कर समाजवादियों के इस गढ़ पर अपनी पार्टी का कब्जा बरकरार रखा। भाजपा से रमाकांत यादव ने ताल ठोकी थी।

मुलायम सिंह चुनाव भले ही जीते लेकिन अंतर बहुत कम था। लगभग 63 हजार वोटों से ही चुनाव जीत सके थे।आजमगढ़ को समाजवादियों का गढ़ भी माना जाता है। यहां लंबे समय तक समाजवादी नेताओं का राज रहा है। 70 के दशक तक यहां कांग्रेस का राज रहा लेकिन बाद में समाजवादियों ने इस सीट पर कब्जा किया।

बीच में यह सीट समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) में भी बंटती रही। एक बार 2009 में इस सीट पर बीजेपी भी कमल खिलाने में कामयाब रही थी।

LIVE TV