आखिर क्यों? 20 साल तक दुष्कर्म के आरोप में जेल की सजा काटने वाला हाईकोर्ट की नजर में है निर्दोष

20 साल तक जेल की सलाखों के पीछे अपना जीवन काटने वाला आरोपी अब इलाहाबाद हाईकोर्ट की नजर में निर्दोष हो गया है। जिसके चलते न्यायलय ने उसे रिहा करने का आदेश जारी कर दिया है। आपको बता दें कि यह आदेश न्यायमूर्ति डा. के जे ठाकर तथा न्यायमूर्ति गौतम चौधरी की खंडपीठ ने ललितपुर के एक व्यक्ति की जेल अपील को स्वीकार करते हुए दिया है। अदालत ने इस बात पर हैरानी जताते हुए कहा कि अभियुक्त पिछले 20 सालों से जेल में है, इसके बावजूद सरकार ने उम्रकैद की सजा पाए बंदियों को 14 साल में रिहा कर देने संबंधी कानून का पालन नहीं किया।

ललितपुर में रहना वाला विष्णु (16 वर्षीय) पर साल 2000 को अनुसूचित जाति की महिला से दुष्कर्म करने का आरोप लगाया गया था। जिसके चलते विष्णु के खिलाफ शिकायत मिलने पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी। मामले में सुनवाई करने हुए दोषी करार विष्णु को सत्र न्यायलय ने 10 साल एवं एससीएसटी एक्ट के अंतर्गत उम्रकैद की सजा सुनाई थी। बता दें कि आरोपी साल 2000 से जेल की हवा खा रहा है। जिसके चलते उसकी ओर से जेल अपील दाखिल कर अनुरोध किया गया कि वह 20 साल से जेल में बंद है इसलिए शीघ्र सुनवाई की जाए।

साल 2000 में आरोपी करार विष्णु के मामले में जब कोर्ट ने जांच की तो पाया कि आरोपी के खिलाफ दुराचार का आरोप सिद्ध ही नहीं हुआ है। वहीं महिला की मेडिकल रिपोर्ट में जोर-जबरदस्ती के कोई साक्ष्य मौजूद नहीं थे। रिपोर्ट के अनुसार महिला गर्भवती थी और शरीर पर कोई निशान न होन के कारण विष्णु को आरोपी करार नहीं दिया जा सकता। रिपोर्ट भी पति व ससुर ने घटना के तीन दिन बाद लिखाई। पीड़िता ने इसे अपने बयान में स्वीकार किया है। तमाम छानबीन करने के बाद कोर्ट ने विष्णु को पूरी तरह से निर्दोष पाया और उसे जल्द से जल्द रिहा करने का आदेश भी जारी कर दिया है।

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